नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध एक बार फिर वैश्विक राजनीति के केंद्र में आ गया है, और इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Trump) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Putin) आमने-सामने आ खड़े हुए हैं। रूस द्वारा 24 मई को यूक्रेन पर तीन साल का सबसे बड़ा हवाई हमला करने के बाद ट्रम्प ने पुतिन को सख्त लहजे में चेतावनी दी है।

ट्रम्प ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “पुतिन आग से खेल रहे हैं। अगर मैं राष्ट्रपति न होता, तो रूस के साथ बहुत बुरा हो चुका होता।” इसके साथ ही ट्रम्प ने रूस पर नए प्रतिबंधों की बात भी दोहराई, जिन पर वह इस सप्ताह के अंत तक निर्णय ले सकते हैं।

रूस के हमले में कीव समेत कई शहरों को निशाना बनाया गया। रूसी सेना ने 9 बैलिस्टिक मिसाइलें, 60 क्रूज मिसाइलें और 298 ड्रोन दागे। यूक्रेन का कहना है कि उसका एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय होकर अधिकांश हमलों को विफल करने में सफल रहा, लेकिन हमले की तीव्रता से नागरिकों में भय का माहौल है।

अमेरिका में ट्रम्प पर बढ़ता दबाव

ट्रम्प के सख्त रुख के बावजूद अमेरिकी संसद में कई नेता चाहते हैं कि वह रूस के खिलाफ और अधिक कठोर कदम उठाएं। रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रासले ने कहा, “अब वक्त आ गया है कि पुतिन को यह बताया जाए कि खेल खत्म हो गया है।” वहीं रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम और डेमोक्रेट रिचर्ड ब्लूमेंथल ने उन देशों पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है जो रूस से तेल, गैस और अन्य कच्चे माल का आयात कर रहे हैं।

इस बीच, ट्रम्प ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर भी निशाना साधा और उन्हें ‘तानाशाह’ कहा, जिससे अमेरिका की पारंपरिक विदेश नीति के रुख में बड़ा बदलाव देखा गया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका मध्यस्थता की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है।

रूस की ओर से जवाब और खतरे की चेतावनी

ट्रम्प के बयान पर रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “मुझे सिर्फ एक ही खतरे का पता है — तीसरा विश्वयुद्ध। उम्मीद करता हूं कि ट्रम्प इसे समझते होंगे।”

मेदवेदेव इससे पहले भी पश्चिमी देशों को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर उन्होंने यूक्रेन को सैन्य मदद देना बंद नहीं किया तो रूस एक ‘बफर जोन’ बनाकर उसे पोलैंड तक बढ़ा सकता है।

पुतिन पर ड्रोन हमला: रूस का बड़ा दावा

रूस ने दावा किया है कि 20 मई को राष्ट्रपति पुतिन पर यूक्रेन ने ड्रोन से हमला किया। पुतिन उस समय कुर्स्क के दौरे पर थे। रूसी वायुसेना के मेजर जनरल यूरी डैशकिन के अनुसार, यूक्रेनी एयरफोर्स ने पुतिन के हेलिकॉप्टर को निशाना बनाने के लिए 46 ड्रोन भेजे, जिन्हें रूसी सेना ने समय रहते मार गिराया।

यह दावा ऐसे समय में आया है जब पुतिन पहली बार उस इलाके में गए थे, जहां पिछले साल अगस्त में यूक्रेनी सेना ने हमला कर 1100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। इस दौरे के दौरान पुतिन ने कहा कि रूस अब इस क्षेत्र पर पूरी तरह से नियंत्रण पा चुका है। उन्होंने स्थानीय निवासियों की वापसी के लिए क्षेत्र को माइन फ्री करने के आदेश भी दिए।

हालांकि, यूक्रेन की सेना ने इस दावे का खंडन किया है और कहा है कि उनकी उपस्थिति अब भी उस इलाके में बनी हुई है और लड़ाई जारी है।

कैदियों की अदला-बदली: शांति की ओर पहला कदम?

रूस और यूक्रेन के बीच हाल ही में 1000-1000 युद्धबंदियों की अदला-बदली हुई है। इसे युद्ध के दौरान अब तक की सबसे बड़ी मानवतावादी पहल माना जा रहा है। ट्रम्प ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मॉस्को और कीव के बीच शांति वार्ता के लिए एक नया अध्याय हो सकता है।

फरवरी 2025 में ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद से रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में तेजी आई है। ट्रम्प और पुतिन के बीच 90 मिनट की टेलीफोनिक बातचीत के बाद सऊदी अरब में दोनों देशों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधियों की मुलाकात हुई थी। हालांकि यूक्रेन को इस वार्ता में शामिल नहीं किया गया, जिससे सवाल उठे कि अमेरिका और रूस यूक्रेन की कीमत पर कोई समझौता तो नहीं कर रहे।

युद्ध की शुरुआत और मौजूदा हालात

रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत फरवरी 2022 में हुई थी, जब पुतिन ने यूक्रेन पर सैन्य हमला कर दिया। उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पुतिन से बातचीत के सभी रास्ते बंद कर दिए थे और रूस को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।

2025 में ट्रम्प के सत्ता में लौटने के बाद वैश्विक कूटनीति की दिशा बदली। वे रूस के साथ सीधी बातचीत की पैरवी कर रहे हैं, लेकिन उनके बयानों और नीतियों पर पश्चिमी देशों में चिंता भी जताई जा रही है।

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