नई दिल्ली । यूरोप में जारी रूस-यूक्रेन संघर्ष एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा का केंद्र बन गया है। हाल ही में अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम और रिचर्ड ब्लूमेंथल ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से पेरिस में मुलाकात की। इन उच्चस्तरीय बैठकों के बाद दोनों सीनेटरों ने गंभीर चेतावनी दी है कि रूस के राष्ट्रपति Putin अब एक और बड़े पैमाने पर सैन्य आक्रमण की योजना बना रहे हैं।

बातचीत के बाद अमेरिका का सख्त रुख

अमेरिकी सीनेटरों ने स्पष्ट किया कि पुतिन शांति वार्ताओं की आड़ में समय खींच रहे हैं और यह अंतराल उनका सैन्य बल पुनर्गठित करने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा, “पुतिन शांति के लिए नहीं, बल्कि युद्ध की तैयारी में व्यस्त हैं। वह एक रणनीतिक युद्ध विराम चाहते हैं ताकि अपनी सेना को दोबारा संगठित कर सकें।”

सीनेटरों का यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन में रूसी हमले जारी हैं और कई सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव चरम पर है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूस ने हाल ही में अपने सैन्य बजट में भारी वृद्धि की है और युद्ध सामग्री के भंडारण को तेज़ी से बढ़ाया गया है।

रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की तैयारी

इस बीच अमेरिकी सीनेट में रूस के खिलाफ एक नया और कड़ा प्रतिबंध विधेयक तैयार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव में रूसी तेल, गैस और यूरेनियम जैसे ऊर्जा उत्पादों पर भारी कर लगाने का प्रस्ताव है, ताकि रूस की आर्थिक रीढ़ को कमजोर किया जा सके। सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने बताया कि यह विधेयक द्विदलीय समर्थन के साथ लाया जाएगा और इसका उद्देश्य है पुतिन को आर्थिक रूप से अलग-थलग करना।

विधेयक में 500% तक टैरिफ लगाए जाने की योजना है, जो उन देशों पर भी लागू हो सकती है जो रूस से ऊर्जा उत्पाद खरीदना जारी रखते हैं। इसका उद्देश्य है रूस की राजस्व क्षमता को सीमित करना ताकि वह अपने सैन्य खर्च को जारी न रख सके।

यूरोपीय नेताओं की चिंता और प्रयास

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन में एक 30-दिन के युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है, जिसमें मानवीय सहायता और कूटनीतिक वार्ताओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि यूरोप में स्थिरता के लिए सभी पक्षों को संयम दिखाना होगा। हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पुतिन पर भरोसा न करने की सलाह देते हुए कहा कि रूस की मंशा शांति नहीं बल्कि रणनीतिक लाभ है।

यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी चेताया कि यूरोप को अब अपनी सुरक्षा को लेकर आत्मनिर्भर बनना होगा। उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों को सामूहिक रूप से रक्षा तैयारियों में निवेश बढ़ाना चाहिए, ताकि रूस जैसी आक्रामक शक्तियों का मुकाबला किया जा सके।

यूक्रेन की स्थिति और जनता का मनोबल

यूक्रेन में जनता अब भी संघर्ष झेल रही है। राजधानी कीव समेत कई शहरों में हवाई हमलों की आशंका बनी हुई है। नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है और सरकार ने नागरिकों से संयम बरतने की अपील की है। यूक्रेनी सेना लगातार मोर्चे पर डटी हुई है, लेकिन हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

इस स्थिति में अमेरिका और यूरोप से सैन्य सहायता यूक्रेन के लिए जीवनरेखा बन गई है। अमेरिकी सीनेटरों ने जेलेंस्की को आश्वस्त किया कि अमेरिका यूक्रेन के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा और भविष्य में भी हरसंभव सहायता दी जाएगी।

वैश्विक प्रतिक्रिया

पूरी दुनिया की निगाहें अब रूस और पुतिन की अगली चाल पर टिकी हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है और किसी भी प्रकार के व्यापक युद्ध की आशंका से बचने पर जोर दिया है। वहीं, नाटो देशों ने अपने सदस्य राष्ट्रों को सतर्क रहने को कहा है और सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है।

Share.

Contact US

सतीश शर्मा
Editor in Chief


Mobile: 9893664533
Email: cglokdarshan@gmail.com
Address: ब्राह्मण पारा, नारी (कुरुद), जिला – धमतरी (छ.ग) 493663

Important Pages

Disclaimer

समाचारों की श्रृंखला में ‘छत्तीसगढ़ लोकदर्शन’ सबसे विश्वसनीय वेब न्यूज पोर्टल है, इसमें देश दुनिया की नवीनतम खबरों के साथ एक वैचारिक चिंतन भी है। ज्ञातव्य हो कि संवाददाताओं द्वारा भेजे गए समाचार की पुष्टि के लिए संपादक या पोर्टल किसी भी तरह उत्तरदायी नहीं है।

© 2025 cglokdarshan.com. Designed by Nimble Technology.

Exit mobile version