नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात में दिए गए एक सख्त बयान — “अपनी रोटी खाओ, वरना मेरी गोली तो है ही” — पर Pakistan सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान ने भारत पर “नफरत फैलाने वाला” और “आंचलिक स्थिरता के लिए ख़तरनाक” बयान देने का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान उस समय आया जब उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए कहा कि भारत अब आतंक के खिलाफ खुलकर जवाब दे रहा है और प्रॉक्सी वॉर को सीधा युद्ध मान रहा है।
🇵🇰Pakistanकी प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“प्रधानमंत्री मोदी का बयान दुर्भावनापूर्ण, भड़काऊ और दक्षिण एशिया में अमन व स्थिरता को चोट पहुंचाने वाला है। भारत को चाहिए कि वह संयम बरते और युद्धोन्मादी भाषा से बचे।”
Pakistan ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वे भारत के “उकसावे भरे बयानों” का संज्ञान लें और क्षेत्र में शांति बनाए रखने में योगदान दें।
Pakistan का पलटवार: हम शांति चाहते हैं
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का बयान केवल उकसाने वाला नहीं, बल्कि दुर्भावना से प्रेरित है. इससे भारत सरकार की पाकिस्तान के खिलाफ रणनीतिक सोच जाहिर होती है.”पाकिस्तान ने यह भी आरोप लगाया कि भारत इस तरह के बयानों के जरिए जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन से ध्यान भटका रहा है. साथ ही भारत को अपने आंतरिक मुद्दों जैसे धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर ध्यान देने की नसीहत दी.
“भारत कश्मीर से ध्यान हटाने के लिए तनाव बढ़ा रहा है: Pakistan”
Pakistan ने कहा कि भारत को सच में उग्रवाद की चिंता है, तो उसे अपने देश में बढ़ते बहुसंख्यकवाद, धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय की तरफ ध्यान देना चाहिए।
Pakistan ने आरोप लगाया कि भारत सरकार इस तरह के बयानों से जम्मू-कश्मीर में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों से ध्यान हटाना चाहती है।
🇮🇳 भारत की स्थिति
भारत सरकार ने इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह माना जा रहा है कि मोदी सरकार पाकिस्तान को यह स्पष्ट संकेत देना चाहती है कि भारत अब पुराने तरीके से जवाब नहीं देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा था:
“जिन आतंकियों को पाकिस्तान स्टेट ऑनर देता है, उनके ताबूतों पर झंडे लहराता है, उनके लिए मेरे पास गोली है।”
यह बयान सीधे तौर पर उस हालिया घटना की ओर इशारा करता है जहां पाकिस्तान के मुरिदके में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी झंडे लहराए गए थे।
विश्लेषण
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का बदला हुआ रुख और सार्वजनिक सैन्य कार्रवाई पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर और अधिक अलग-थलग कर सकता है। वहीं, पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को अधिकतर देशों ने “रूटीन डिप्लोमैटिक स्टेटमेंट” माना है।
“Pakistan ने बढ़ाया बातचीत का हाथ, कहा- भारत से सुलह को तैयार हैं”
दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति के बीच पाकिस्तान, भारत से बातचीत के लिए तैयार है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ ने सोमवार को ईरान दौरे भारत से बातचीत की इच्छा जताई। शरीफ ने कहा कि वह कश्मीर और जल सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं। इतना ही नहीं, शरीफ ने भारत से बातचीत को पाकिस्तान के लिए काफी अहम बताया।