नई दिल्ली। Gaza में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। रविवार देर रात इजरायली सेना ने गाजा के कई इलाकों में हवाई हमले किए, जिनमें एक स्कूल को भी निशाना बनाया गया। यह स्कूल अस्थायी रूप से शरणार्थी शिविर के तौर पर इस्तेमाल हो रहा था। हमले में कम से कम 25 लोगों की जान गई है, जिनमें महिलाएं, बच्चे, एक पत्रकार और रेड क्रॉस के दो कर्मचारी भी शामिल हैं।
11 साल का सबसे छोटा इन्फ्लुएंसर भी मारा गया
मृतकों में गाज़ा के सबसे कम उम्र के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर यकीन हम्माद (11 वर्ष) का नाम भी सामने आया है, जिसने हाल के महीनों में गाज़ा के हालात पर दुनिया का ध्यान खींचा था। यकीन की मौत ने स्थानीय और वैश्विक स्तर पर संवेदना और आक्रोश दोनों को जन्म दिया है।
आग में जिंदा जल गए लोग
स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, बमबारी के बाद स्कूल परिसर में आग लग गई, जिससे कुछ लोग अंदर ही जिंदा जल गए। बताया जा रहा है कि स्कूल की इमारत को नागरिकों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन उस पर भी हमला किया गया।
डॉक्टर और उसके 9 बच्चों की भी मौत
गाज़ा के खान यूनिस क्षेत्र में 23 मई को हुए एक अन्य हमले में महिला डॉक्टर अल-नज्जार और उनके 9 बच्चों की मौत हो गई, जिनकी उम्र 7 महीने से लेकर 12 साल तक थी। उनका एक बच्चा गंभीर रूप से घायल है और डॉक्टर के पति की हालत भी नाजुक बताई जा रही है।
इजरायल की सफाई: “हमास के खिलाफ कार्रवाई”
इजरायली सेना का कहना है कि 14 से 20 मई के बीच गाज़ा में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया गया, जिसमें 670 से ज्यादा हमास ठिकानों को निशाना बनाया गया। सेना के अनुसार, इन कार्रवाइयों में लगभग 512 लोग मारे गए हैं। हालांकि, स्थानीय प्रशासन और मानवीय संगठनों का दावा है कि बड़ी संख्या में नागरिक भी इन हमलों का शिकार हो रहे हैं।
गाज़ा का 77% हिस्सा इजरायल के कब्जे में
गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने बताया कि अब तक 77% गाजा क्षेत्र पर इजरायली सेना का नियंत्रण हो चुका है। उन्होंने इसे “नरसंहार” बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
स्पेन की प्रतिक्रिया
इस हमले को लेकर दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। स्पेन ने इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की अपील की है और कहा है कि लगातार हो रही नागरिक मौतें अब बर्दाश्त से बाहर हैं।