संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने Pakistan को कड़ी फटकार लगाई है। भारत ने Pakistan के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर दिए गए बयानों को “बेहद पाखंडी” करार देते हुए कहा कि जिस देश में आतंकवादियों और आम नागरिकों में कोई फर्क नहीं किया जाता, उसे मानवाधिकारों पर बोलने का कोई हक नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवतनेनी हरीश ने Pakistan की कथनी और करनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाल ही में Pakistan के सरकारी, पुलिस और सैन्य अधिकारी ‘ऑपरेशन सिंदूर के तहत मारे गए कुख्यात आतंकवादियों की अंतिम यात्रा में श्रद्धांजलि देते हुए देखे गए। उन्होंने कहा, “जो देश आतंकवादी और नागरिकों में फर्क नहीं करता, उसे नागरिकों की सुरक्षा पर बात करने का कोई अधिकार नहीं।”

Pakistanने उठाया था कश्मीर का मुद्दा

भारत से पहले संयुक्त राष्ट्र में Pakistan के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया. भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में बात की. कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए हरीश ने कहा कि भारत ने दशकों से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना किया है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव, फिर समझौता

भारत ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
इसके बाद Pakistan ने सीमा पार गोलाबारी और ड्रोन हमलों की कोशिश की, जिसके जवाब में भारत ने रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस और रहीम यार खान एयरबेस को निशाना बनाया। 10 मई को दोनों देशों के बीच आपसी समझौते के बाद संघर्षविराम लागू हुआ।

Pakistan की गोलाबारी में धार्मिक स्थलों को भी बनाया निशाना

हाल ही में Pakistan की सेना द्वारा की गई गोलाबारी में 20 से ज़्यादा नागरिकों की मौत हुई और 80 से ज़्यादा घायल हुए। इन हमलों में गुरुद्वारों, मंदिरों, चर्चों और अस्पतालों जैसे धार्मिक और मानवीय स्थलों को भी जानबूझकर निशाना बनाया गया। उन्होंने पाकिस्तान की इस हरकत को “बेहद पाखंडी” बताते हुए कहा कि ऐसा देश अगर UNSC में उपदेश दे तो यह अंतरराष्ट्रीय मंच का अपमान है।

आतंक के खिलाफ साथ आए अंतरराष्ट्रीय समुदाय: भारत

हरीश ने कहा, ‘हमें स्पष्ट होना चाहिए. नागरिकों की सुरक्षा को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों की सुरक्षा के लिए तर्क के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के प्रति कतई सहन नहीं करने की नीति के साथ आना चाहिए और इसे प्रायोजित करने और इसका बचाव करने वालों को बाहर निकालना चाहिए.’

हरीश ने कहा कि परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नागरिकों के जीवन, सम्मान और अधिकारों सहित उनकी प्रभावी और समयबद्ध सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए.

22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम हमला

पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद, भारत ने छह मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले करके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया था. इसके तुरंत बाद, पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया…

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