नई दिल्ली । रविवार को Gaza पट्टी के राफा शहर में एक सहायता वितरण केंद्र के पास इजरायली सेना की गोलीबारी में 32 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए और 232 से ज्यादा घायल हुए। यह हमला ऐसे समय हुआ जब लोग भूख से राहत पाने के लिए भोजन की कतार में खड़े थे। स्थानीय मीडिया ने इस गोलीबारी की पुष्टि की है और बताया है कि घायलों की संख्या काफी अधिक है। इस घटना ने गाजा के हालात की गंभीरता को फिर से उजागर कर दिया है।

नेत्जारिम कॉरिडोर में भी गोलीबारी

सिर्फ राफा ही नहीं, बल्कि मध्य Gaza के नेत्जारिम कॉरिडोर में भी एक अन्य सहायता केंद्र के बाहर फायरिंग हुई। इस घटना में एक फिलिस्तीनी व्यक्ति की मौत हुई जबकि कई अन्य घायल हुए। यह दोनों घटनाएं इस क्षेत्र में मानवीय सहायता पहुंचाने के प्रयासों को रोकने वाली गंभीर चुनौतियों को दर्शाती हैं। यहां के लोगों के लिए रोजमर्रा की ज़रूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया है।

इजरायली सेना ने लगाए गए आरोपों का खंडन किया

इजरायली सेना ने इस गोलीबारी में शामिल होने और नागरिकों को निशाना बनाने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी फायरिंग केवल आत्मरक्षा के उद्देश्य से होती है और वे निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ हैं। सेना का यह भी कहना है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि उनकी फायरिंग से किसी को चोटें आई हों। हालांकि स्थानीय अस्पतालों और स्वास्थ्य कर्मियों के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि घायल और मृतकों की संख्या बहुत बड़ी है।

अल-जजीरा की रिपोर्ट में हुई बड़ी संख्या में मौतों का खुलासा

अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन अल-जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 27 मई से 1 जून तक गाजा में खाना बांटने के दौरान फायरिंग की घटनाओं में कुल 49 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस अवधि में हुई हिंसा ने क्षेत्र की मानवीय स्थिति को और खराब कर दिया है और राहत प्रयासों में बाधा उत्पन्न की है। ऐसे हालात में आम नागरिकों की सुरक्षा और जीवन मुश्किल हो गया है।

गाजा में बढ़ता मानवीय संकट

लगातार हो रही हिंसा के कारण Gaza में मानवीय संकट गहराता जा रहा है। भोजन, दवा, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी के बीच, जब लोग मदद के लिए कतार में खड़े होते हैं, तो उनके ऊपर फायरिंग हो जाती है। इससे ना केवल उनकी जान को खतरा होता है, बल्कि उनके हौसले भी टूटते हैं। गाजा के अस्पताल भारी संख्या में घायलों को संभालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जहां संसाधन सीमित हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता और अपील

अंतरराष्ट्रीय संगठनों, मानवाधिकार समूहों और कई देशों ने इस घटना पर चिंता जताई है। उन्होंने इजरायल से तुरंत संयम बरतने और निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। साथ ही, दोनों पक्षों से शांति वार्ता को आगे बढ़ाने और ऐसे हिंसक हालात को रोकने का आग्रह किया गया है ताकि मानवीय आपदा को कम किया जा सके।

राहत कार्य प्रभावित, लोग असहाय

बढ़ती हिंसा के कारण राहत कार्यों में बाधा आई है। राहत संगठन और स्वास्थ्यकर्मी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि घायलों और जरूरतमंदों तक सहायता पहुंच सके, लेकिन लगातार खतरे और फायरिंग के बीच उनकी पहुंच सीमित हो रही है। यह स्थिति स्थानीय लोगों के लिए और भी खतरनाक हो गई है, क्योंकि वे न केवल हिंसा बल्कि राहत के अभाव में भी जूझ रहे हैं।

स्थायी शांति और राजनीतिक समाधान की आवश्यकता

विशेषज्ञ मानते हैं कि Gaza में मानवीय संकट का समाधान केवल राजनीतिक स्थिरता और स्थायी शांति से ही संभव है। बिना किसी व्यापक राजनीतिक समझौते के, ऐसे घटनाक्रम जारी रहेंगे और आम नागरिकों का जीवन जोखिम में बना रहेगा। इस क्षेत्र में संघर्ष की जड़ें गहरी हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय और क्षेत्रीय नेता मिलकर ही स्थायी शांति की दिशा में कदम उठा सकते हैं।

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