हरियाणा : सोमवार देर रात एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई, जहां कर्ज में डूबे एक कारोबारी परिवार के 7 सदस्यों ने कार में ज़हर खाकर सामूहिक आत्महत्या (Suicide) कर ली। मृतकों में पति-पत्नी, उनके तीन बच्चे और माता-पिता शामिल हैं। यह दर्दनाक घटना पंचकूला के सेक्टर 27 में सामने आई, जिसने दिल्ली के बुराड़ी कांड की भयावह यादें ताज़ा कर दीं।
धीरेंद्र शास्त्री की कथा से लौटते हुए खाया ज़हर
परिवार उसी दिन बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा में शामिल हुआ था। लौटते समय उन्होंने कार में ज़हर खा लिया। एक प्रत्यक्षदर्शी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को बाहर निकाला, जहां एक सदस्य प्रवीण मित्तल जीवित मिला, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया।
सुसाइड नोट: “मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं”
कार से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जिसमें प्रवीण मित्तल ने लिखा:
“मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं। मेरी वजह से ही ये सब कुछ हुआ है। मेरे ससुर को कुछ मत कहना। अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी मामा का लड़का निभाएगा।”
लंबे समय से कर्ज में डूबा था परिवार
प्रवीण मित्तल ने एक दशक पहले एक करोड़ रुपये का लोन लेकर देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का काम शुरू किया था, लेकिन घाटा हुआ और कारोबार ठप हो गया। धीरे-धीरे कर्ज का बोझ 20 करोड़ तक पहुंच गया। रिश्तेदारों ने बताया कि वह जान से मारने की धमकियों से परेशान था और हाल ही में टैक्सी चलाने लगा था।
NGO के ज़रिए मदद मांग रहा था
पता चला है कि प्रवीण एक NGO “चाइल्ड लाइफ केयर मिशन” चलाता था और उसे एक परिचित से कार भी मिली थी, जो देहरादून निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
बुराड़ी जैसा मामला फिर सामने आया
यह घटना दिल्ली के बुराड़ी कांड (2018) की भयावह याद दिलाती है, जहां एक ही परिवार के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। विशेषज्ञों का मानना है कि सामूहिक आत्महत्या की ऐसी घटनाएं मानसिक दबाव, आर्थिक संकट और सामाजिक अलगाव की घातक परिणति हैं।