@”प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को भारत की विदेश नीति में एक और बड़ा पड़ाव माना जा रहा है, जिससे भारत-क्रोएशिया संबंधों में नई संभावनाओं के द्वार खुल सकते हैं।”

@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 से 19 जून 2025 तक तीन देशों (साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया) की महत्वपूर्ण यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी साइप्रस में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और क्रोएशिया में नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

 

 साइप्रस यात्रा: 15-16 जून

प्रधानमंत्री मोदी 15 जून को साइप्रस की राजधानी निकोसिया पहुंचेंगे। यह दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा होगी। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के निमंत्रण पर हो रही इस यात्रा में पीएम मोदी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके अलावा, वे लिमासोल में व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा भारत और साइप्रस के बीच संबंधों को गहरा करने और भूमध्यसागरीय क्षेत्र तथा यूरोपीय संघ के साथ भारत की भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण होगी।

साइप्रस की यात्रा को राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2023 में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू किए गए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) में साइप्रस को एक संभावित भागीदार के रूप में देखा जा रहा है। यह यात्रा तुर्की को भी एक कूटनीतिक संदेश दे सकती है, जिसने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था।

कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन: 16-17 जून

साइप्रस के बाद, पीएम मोदी कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में कनानास्किस में 16-17 जून को आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर भारत को इस शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। यह भारत की लगातार छठी जी-7 भागीदारी होगी, जो देश की बढ़ती वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक हैसियत को दर्शाता है।

जी-7 शिखर सम्मेलन में ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और महत्वपूर्ण खनिज जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। पीएम मोदी शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में हिस्सा लेंगे और कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह यात्रा भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की दिशा में भी एक कदम हो सकती है, जो हाल के वर्षों में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपों के कारण तनावपूर्ण रहे हैं।

क्रोएशिया यात्रा: 18 जून

यात्रा के अंतिम चरण में, पीएम मोदी 18 जून को क्रोएशिया पहुंचेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा होगी, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर होगी। क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर हो रही इस यात्रा में पीएम मोदी उनके साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से भी मुलाकात करेंगे।

क्रोएशिया की यात्रा भारत के यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। क्रोएशिया, अपनी समुद्री सुविधाओं और एड्रियाटिक सागर पर बंदरगाहों के कारण, IMEC परियोजनाओं के लिए आकर्षक है। यह यात्रा व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी।

रकारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान भारत और क्रोएशिया के बीच व्यापार, निवेश, विज्ञान, तकनीक, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा होगी। भारत और क्रोएशिया के बीच पारंपरिक रूप से सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच राजनीतिक संवाद, आर्थिक सहयोग और लोगों से लोगों के संपर्क में वृद्धि हुई है।

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