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बांग्लादेश,पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, वियतनाम और कंबोडिया जैसे देेशों में अवैध रूप सेे शादी कराने वालेे एजेंट सक्रिय
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शादी की धुन में हो रहेे ठगी के शिकार चीनी, एजेंट गरीब देशों से महिलाओं और लड़कियों को चीन ले जाते हैं
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चीन ने अपने नागरिकों के लिए किया अलर्ट जारी- शादी के झूठे प्रस्तावों से बचें
चीन आज एक गहरे सामाजिक संकट से जूझ रहा है – “दुल्हन संकट”(Bride crisis in China)। लिंग असंतुलन, एक-संतान नीति और बढ़ती आर्थिक बोझिलता ने 5 करोड से अधिक युवकों के लिए विवाह को एक दुर्लभ सपना बना दिया है। यह केवल आँकड़ों का संकट नहीं, बल्कि टूटते परिवारों, अकेलेपन और सामाजिक अशांति की एक मार्मिक कहानी है।
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दरअसल, चीन में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात में बहुत ज्यादा अंतर है। 2020 की जनगणना के मुताबिक वहां 100 महिलाओं पर लगभग 105 पुरुष हैं। 10-14 आयु वर्ग में यह अनुपात 100 पुरुष प्रति 100 महिला हैं। इस असमानता की वजह से चीन में कई पुरुषों की शादी नहीं हो पा रही है। कई लोग इस वजह से तस्करों के चक्कर में पड़कर अपना पैसा गंवा रहे हैं। इस ठगी को रोकने के लिए चीन ने यह एडवाइजरी जारी की है। चीनी दूूतावास ने अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की। इसमें बांग्लादेश में रहने वाले चीनी नागरिकों को ऑनलाइन डेटिंग और झूठे शादी के प्रस्तावों से बचने की सलाह दी गई है। बयान में कहा गया है कि शादी के लिए ‘विदेशी पत्नी खरीदने’ की सोचना भी गलत है।
चीन में 5 करोड़ लोग कभी दूल्हा नहीं बन पाएंगे
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 से 2050 तक चीन में करीब 3 से 5 करोड़ पुरुषों को अपने देेश में कभी दुुल्हन नहीं मिल पाएगी। यही वजह है कि लोग अब विदेशों से दुल्हन लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे तस्करों का सहारा लेते हैं। वे बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, वियतनाम और कंबोडिया जैसे गरीब देशों से महिलाओं और लड़कियों को चीन ले जाते हैं। तस्कर इन महिलाओं को अच्छी नौकरी, बेहतर जीवन, या शादी का झांसा देकर चीन लाते हैं, लेकिन वहां उन्हें जबरन विवाह या यौन शोषण के लिए बेच दिया जाता है। 2019 की ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार-चीन सीमा पर कम सुरक्षा कर्मियों की वजह से तस्करों को बढ़ावा मिला है।
सोशल मीडिया पर विदेशी दुल्हन का झूठा वादा
सोशल मीडिया पर शादी से जुड़े कई विज्ञापन अक्सर धोखाधड़ी वाले होते हैं। इनमें विदेशी दुल्हन का वादा किया जाता है, लेकिन असल में शादी नहीं कराई जाती। लोग बिना दुल्हन पाए ही ठगों को पैसे दे बैठते हैं।बीजिंग न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में एक लाओस की युवा लड़की से शादी कराने के लिए 2 लाख युआन (करीब 24 लाख रुपए) की मांग की गई थी। कुछ लोग इस धोखाधड़ी में फंस भी गए थे।
आए दिन हो रहे धोखे
पिछले साल चीन के शांदोंग प्रांत की एक अदालत ने दो लोगों को मानव तस्करी का दोषी पाया। वे एक गैरकानूनी सीमा-पार विवाह एजेंसी चला रहे थे और लोगों से लाखों युआन ठग चुके थे। एक चीनी व्यक्ति पाकिस्तान गया था और वहां शादी के झूठे वादे में फंसकर 1 लाख युआन (लगभग 12 लाख रुपए) का नुकसान कर बैठा। एक पाकिस्तानी महिला को शादी के लिए चीन लाया गया। बाद में उसने एजेंटों और उस व्यक्ति की शिकायत की जिसने पैसे देकर उससे शादी की थी। सभी को मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
चीन में जियामेन यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने अक्टूबर 2024 में सुझाव दिया था कि विदेशों से दुल्हन आयात करना चाहिए ताकि देश में शादी की गिरती दर और लड़का-लड़की के असंतुलन की समस्या दूर की जा सके।उनके इस बयान की इंटरनेट पर भारी आलोचना हुई। लोगों ने कहा कि यह मानव तस्करी और महिलाओं के शोषण को बढ़ाएगा।
5,000 से 20,000 डॉलर में बिक रही लडकियां
गरीब देेशों मेे सक्रिय तस्कर लडकियों औैर महिलाओं को 5,000 से 20,000 डॉलर में बेच रहे हैं। ये सौदे ‘शादी’ के नाम पर होते हैं, लेकिन उनमें असली सहमति नहीं होती।तस्कर खुद को शादी एजेंट या नौकरी दिलाने वाले बताते हैं। वे गांवों और गरीब इलाकों में जाकर लड़कियों को फंसाते हैं। इसके बाद उन्हें चीन ले जाकर बेच देते हैं। चीन के बहुत से पुरुष जो किसान या मजदूर होते हैं, वे अकेले होते हैं और दुल्हन पाने के लिए इन तस्करों के संपर्क में आते हैं।
कागज छीन लेतें हैं महिलाओ से
चीन पहुंचने के बाद इन महिलाओं के का
काचिन दुल्हनों की तस्करी’ पर रिपोर्ट
म्यांमार में ‘हमें एक बच्चा दो, और हम तुम्हें जाने देंगे: काचिन दुल्हनों की तस्करी’ शीर्षक वाली 112 पन्नों की रिपोर्ट में तस्करी के धंधे से बच निकली 37 महिलाओं की दर्दनाक गवाही के साथ-साथ पीड़ितों के कई परिवारों के बयान भी सामने आए हैं।
बेबस है चीनी सरकार
चीन की सरकार को इस बारे में जानकारी है, लेकिन उसने अब तक इस समस्या को रोकने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है। शायद इसलिए क्योंकि यह समस्या बहुत बड़ी है और इससे निपटना आसान नहीं है।
चीन को विदेशी महिलाओं से जासूसी का भी खतरा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक चीन ने यह कदम अपने राजनयिकों और नागरिकों को जासूसी और हनीट्रैप से बचाने के लिए उठाया है। चीन को डर है कि अमेरिका, बांग्लादेश में उसके लोगों को हनीट्रैप कर सकता है।बांग्लादेश में अमेरिका और चीन अपने-अपने हितों को लेकर आमने-सामने हैं। एक तरफ अमेरिका बांग्लादेश के सैंट मार्टिन द्वीप पर सैन्य ठिकाने बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ है।