@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, भिलाई/दुर्ग। छत्तीसगढ़ के भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि अब मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। एक दिल दहला देने वाली घटना में, गांधी नगर इलाके में घर के बाहर खेल रहे एक ढाई वर्षीय मासूम को कुत्तों के झुंड ने बुरी तरह नोंच डाला। इस जानलेवा हमले में बच्चे के हाथ, पैर और पीठ पर गहरे जख्म आए हैं, और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना ने नगर निगम प्रशासन की घोर लापरवाही को एक बार फिर उजागर कर दिया है, क्योंकि क्षेत्र में पिछले चार सालों से कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।

क्या है पूरा मामला? मासूम पर जानलेवा हमला

जानकारी के अनुसार, भिलाई-3 के गांधी नगर निवासी विनोद धुरी का ढाई वर्षीय बेटा शिवांश बुधवार शाम को अपने घर के पास खेल रहा था। वह अपनी खिलौने वाली गाड़ी पर था, तभी एक आवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया। हमले से बच्चा गाड़ी से नीचे गिर गया, जिसके बाद कुत्ते ने उसे बुरी तरह नोंचना शुरू कर दिया। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर पास में मौजूद एक व्यक्ति दौड़ा और कुत्ते को भगाया, लेकिन तब तक बच्चा लहूलुहान हो चुका था। उसके शरीर पर कुत्तों के काटने के दर्जनों निशान हैं और उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बढ़ती आबादी, बढ़ता खतरा: 4 साल से नहीं हुआ कुत्तों का बधियाकरण 

स्थानीय निवासियों और पूर्व जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि यह घटना प्रशासन की अनदेखी का सीधा नतीजा है। भिलाई-चरोदा नगर निगम ने पिछले 4 वर्षों से आवारा कुत्तों की नसबंदी (बधियाकरण) के लिए कोई अभियान नहीं चलाया है। इसके कारण शहर की हर गली-मोहल्ले में कुत्तों की संख्या अनियंत्रित रूप से बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर गली में 10 से 12 कुत्तों का झुंड घूमता है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है।

प्रशासन की अनदेखी: पूर्व पार्षद ने पहले ही चेताया था

वार्ड के पूर्व पार्षद लावेश मदनकर ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर निगम को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि इसी साल अप्रैल महीने में आयोजित सुशासन शिविर में उन्होंने लिखित में आवारा मवेशियों, सुअरों और कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की थी। उन्होंने विशेष रूप से कुत्तों की धरपकड़ और नसबंदी अभियान चलाने का आग्रह किया था।

जिम्मेदार कौन? निगम ने पत्र भेजकर झाड़ा पल्ला

हैरानी की बात यह है कि जब पूर्व पार्षद ने इस गंभीर मुद्दे को उठाया, तो नगर निगम ने एक जवाबी पत्र भेजकर अपना पल्ला झाड़ लिया। निगम ने अपने पत्र में दावा किया कि “आवश्यकतानुसार आवारा कुत्तों का बधियाकरण किया गया है,” जो जमीनी हकीकत से बिल्कुल परे है। इस घटना ने निगम के खोखले दावों की पोल खोल दी है और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर इस मासूम बच्चे की पीड़ा का जिम्मेदार कौन है?

इस घटना ने भिलाई में आवारा कुत्तों की समस्या को एक बार फिर भयावह रूप में सामने ला दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन अब भी नींद से जागेगा या किसी और मासूम के साथ ऐसी अनहोनी का इंतजार करेगा।

Share.

Contact US

सतीश शर्मा
Editor in Chief


Mobile: 9893664533
Email: cglokdarshan@gmail.com
Address: ब्राह्मण पारा, नारी (कुरुद), जिला – धमतरी (छ.ग) 493663

Important Pages

Disclaimer

समाचारों की श्रृंखला में ‘छत्तीसगढ़ लोकदर्शन’ सबसे विश्वसनीय वेब न्यूज पोर्टल है, इसमें देश दुनिया की नवीनतम खबरों के साथ एक वैचारिक चिंतन भी है। ज्ञातव्य हो कि संवाददाताओं द्वारा भेजे गए समाचार की पुष्टि के लिए संपादक या पोर्टल किसी भी तरह उत्तरदायी नहीं है।

© 2025 cglokdarshan.com. Designed by Nimble Technology.

Exit mobile version