हाल ही में, 1 जून 2025 को, यूक्रेन ने रूस के भीतर गहरे इलाकों में पांच प्रमुख एयरबेसों पर एक निर्णायक ड्रोन हमला किया। इस ऑपरेशन को “स्पाइडरवेब” नाम दिया गया, जिसमें 117 FPV (First-Person View) ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। इस हमले में रूस के 40 से अधिक सैन्य विमान,  जैसे रणनीतिक बमवर्षक शामिल थे, नष्ट या निष्क्रिय हो गए। यह हमला रूस के सुदूर क्षेत्रों, जैसे सायबेरिया, में स्थित एयरबेसों पर किया गया, जो इस युद्ध में अब तक का सबसे बड़ा और सबसे दूरगामी ड्रोन हमला था।

पुतिन की प्रतिक्रिया: पलटवार की तैयारी

इस हमले के बाद, रूस ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसमें यूक्रेन के ज़ापोरिज़िया, खार्किव और सुमी क्षेत्रों में हवाई हमले किए गए। रूसी मीडिया और सरकारी प्रवक्ता इस हमले को “रूस का पर्ल हार्बर” बताते हुए, यूक्रेन के खिलाफ कड़ी सैन्य कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, रूस “Oreshnik” मिसाइलों और यहां तक कि सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है।

क्या तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा है?

यूक्रेन का यह हमला न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक कूटनीति और सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रूस की प्रतिक्रिया अत्यधिक होती है, तो यह न केवल यूक्रेन और रूस के बीच, बल्कि नाटो और अन्य वैश्विक शक्तियों के बीच भी संघर्ष को जन्म दे सकता है। पूर्व रूसी राष्ट्रपति ने हाल ही में तीसरे विश्व युद्ध की संभावना पर चेतावनी दी है, और यूरोपीय देश भी संभावित व्यापक संघर्ष के लिए तैयारियों में जुटे हैं। 

यूक्रेन का यह ड्रोन हमला युद्ध की रणनीति और तकनीकी विकास की दिशा को बदलने वाला है। हालांकि, वर्तमान में तीसरे विश्व युद्ध की संभावना पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह घटना वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अब सभी की निगाहें रूस की अगली प्रतिक्रिया और वैश्विक कूटनीतिक प्रयासों पर टिकी हैं, ताकि इस संघर्ष को और बढ़ने से रोका जा सके।

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