“छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी राजिम में आस्था और सद्भाव की एक अनूठी तस्वीर सामने आई है, जहां व्यापारियों ने स्वेच्छा से सावन के पवित्र महीने में हर सोमवार को अपनी दुकानें बंद रखने का संकल्प लिया है।”
@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, राजिम। सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसी आस्था का सम्मान करते हुए, छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध धर्मनगरी राजिम में एक ऐतिहासिक और सराहनीय फैसला लिया गया है। इस साल सावन 2025 के दौरान हर सोमवार को शहर में मांस, मछली, चिकन और अंडे की सभी दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी। यह फैसला किसी दबाव में नहीं, बल्कि आपसी सहमति और स्वैच्छिक संकल्प से लिया गया है।
आस्था के सम्मान में ऐतिहासिक एकजुटता
गुरुवार को राजिम नगर पंचायत में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता नगर पंचायत अध्यक्ष महेश यादव ने की। इस बैठक में उपाध्यक्ष पूर्णिमा चंद्राकर, पार्षदगण और शहर के सभी मांस-मछली व्यापारी मौजूद थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य व्यापारियों की समस्याओं को सुनना और शहर के विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना था, लेकिन यहां से एक ऐसा फैसला निकला जो पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन गया।
सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि धर्मनगरी की धार्मिक भावनाओं और सावन माह की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए, प्रत्येक सोमवार को सभी प्रकार की मांस, मछली, मुर्गी, अंडे और यहां तक कि एग रोल की दुकानें भी स्वेच्छा से बंद रखी जाएंगी। इस फैसले का सभी व्यापारियों ने ताली बजाकर स्वागत किया और इसे शहर की परंपरा का सम्मान बताया।
सिर्फ फैसला नहीं, शहर के विकास का भी संकल्प
नगर पंचायत अध्यक्ष महेश यादव ने इस मौके पर कहा, “शहर का विकास सभी के सहयोग से ही संभव है। छोटे व्यापारियों का भी राजिम को सुंदर, स्वच्छ और अनुशासित बनाने में महत्वपूर्ण योगदान है।” उन्होंने व्यापारियों से शहर की स्वच्छता, यातायात व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की। यह बैठक सिर्फ एक प्रतिबंध का फरमान नहीं, बल्कि शहर के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी का एक संकल्प बनकर उभरी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में सभापति भारत यादव, कुलेश्वर साहू, आकाश राजपूत, समेत कई अन्य पार्षद और व्यापारीगण उपस्थित रहे, जो इस ऐतिहासिक निर्णय के साक्षी बने।
कब से सब तक है सावन 2025?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का पवित्र महीना इस बार 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। यह पूरा महीना भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है, खासकर सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है।