बीकानेर | PM मोदी ने पाकिस्तान सीमा से सटे बीकानेर जिले में अपने दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं और करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की नींव रखी। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी, जो हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई के नाम से चर्चित है।
देशनोक से 103 रेलवे स्टेशनों का लोकार्पण
प्रधानमंत्री ने बीकानेर के देशनोक रेलवे स्टेशन से देशभर के 103 रेलवे स्टेशनों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने बीकानेर से मुंबई (बांद्रा) के लिए एक नई एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई।
इसके अतिरिक्त उन्होंने ₹26,000 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिनमें रेलवे, सड़क और ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं।
“सिंदूर जब बारूद बनता है…” — मोदी का तीखा संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत स्थानीय अभिवादन ‘राम-राम’ से की और फिर सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा:
“पहलगाम हमले के बाद हमने सेनाओं को खुली छूट दी। 22 अप्रैल को हुए हमले का जवाब 22 मिनट में दिया गया। आतंकवादियों के 9 ठिकाने नष्ट किए गए। जब सिंदूर बारूद बनता है, तो उसका असर पूरी दुनिया देखती है।”
उन्होंने आगे कहा:
“जो लोग सिंदूर मिटाने निकले थे, आज वे खुद मिट्टी में मिल चुके हैं। अब मां भारती का सेवक सीना तानकर खड़ा है। मोदी का दिमाग ठंडा, लेकिन लहू गर्म है — और अब इस लहू में सिर्फ गर्म सिंदूर बहता है।”
करणी माता मंदिर में दर्शन, महिला को प्रणाम
बीकानेर एयरबेस पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री सबसे पहले करणी माता मंदिर (देशनोक) पहुंचे, जहाँ उन्होंने दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने देशनोक स्टेशन और पलाना में आयोजित जनसभा को संबोधित किया।
सभा स्थल पर एक भावुक क्षण देखने को मिला जब एक स्वयं सहायता समूह की महिला सुमित्रा ने प्रधानमंत्री को बैलगाड़ी का मॉडल भेंट किया और उनके चरण छूने की कोशिश की। मोदी ने तुरंत उन्हें ऐसा करने से रोका और खुद झुककर उन्हें प्रणाम किया — यह दृश्य सभा में मौजूद लोगों को भावुक कर गया।
बीकानेर दौरे का राजनीतिक और सामरिक महत्व
यह दौरा कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक ओर जहां यह राजस्थान में आगामी चुनावों के मद्देनज़र भाजपा की जनसंपर्क रणनीति का हिस्सा है, वहीं दूसरी ओर यह दौरा पाकिस्तान सीमा से नज़दीकी और सुरक्षा नीति के संदर्भ में अहम संदेश देता है।
पहलगाम हमले के एक महीने बाद, मोदी का बीकानेर आना एक सामरिक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, साथ ही यह संदेश भी कि भारत आतंकी हमलों का अब सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि रणनीतिक नियंत्रण की दिशा में भी आगे बढ़ चुका है।