Pakistan के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में एक बार फिर भारत के साथ बातचीत की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवादों जैसे कश्मीर, पानी और आतंकवाद के मुद्दों को संवाद के जरिए हल किया जाना चाहिए। यह बयान उन्होंने अजरबैजान के लाचिन में आयोजित पाकिस्तान-तुर्की-अजरबैजान त्रिपक्षीय समिट के दौरान दिया।
बातचीत की पहल: एक हफ्ते में दूसरी बार
यह शहबाज शरीफ का इस महीने भारत से बातचीत की दूसरी बार सार्वजनिक रूप से संकेत देना है। इससे पहले सोमवार को ईरान के दौरे के दौरान भी उन्होंने भारत के साथ संवाद की इच्छा जताई थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि Pakistan की नई सरकार एक सक्रिय कूटनीतिक रुख अपनाने की कोशिश कर रही है ताकि दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति स्थापित की जा सके।
दौरे और कूटनीतिक सक्रियता
शहबाज शरीफ वर्तमान में 25 से 30 मई तक चार देशों के दौरे पर हैं। उन्होंने पहले तुर्की और ईरान का दौरा किया है और अब वे ताजिकिस्तान पहुंचेंगे। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में वे ग्लेशियर्स पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेंगे। इन दौरों का उद्देश्य Pakistan की विदेश नीति को मजबूत करना और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना बताया जा रहा है।
कश्मीर, पानी और आतंकवाद: मुख्य मुद्दे
शहबाज शरीफ ने बातचीत के दौरान खास तौर पर कश्मीर, जल संसाधन और आतंकवाद जैसे ज्वलंत विषयों का उल्लेख किया। कश्मीर विवाद दक्षिण एशिया की सबसे पुरानी और जटिल समस्याओं में से एक है, जिस पर भारत और पाकिस्तान के बीच कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। वहीं पानी के वितरण और आतंकवाद के आरोप भी दोनों देशों के बीच तनाव का कारण बने हुए हैं।
शांति की उम्मीदें और चुनौतियां
शहबाज शरीफ की इस पहल से दक्षिण एशिया में शांति की उम्मीदें बढ़ी हैं। हालांकि, दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी, अतीत के संघर्ष और राजनीतिक दबाव इस बातचीत की राह में बड़ी बाधाएं भी हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि दोनों पक्ष गंभीरता से वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं, तो क्षेत्र में स्थिरता और विकास की संभावना बढ़ सकती है।