कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक विवादित टिप्पणी कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने प्रधानमंत्री के हालिया भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पीएम मोदी ऐसे बात कर रहे हैं, जैसे हर महिला के पति हों। वे अपनी पत्नी को सिंदूर क्यों नहीं देते?” उन्होंने आगे कहा, “मैं व्यक्तिगत मुद्दों पर नहीं बोलना चाहती थी, लेकिन आपने मुझे मजबूर कर दिया।”
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के उस भाषण के बाद आया, जो उन्होंने अलीपुरद्वार में दिया था। प्रधानमंत्री ने अपने 32 मिनट के संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’, ममता सरकार के कथित भ्रष्टाचार, पाकिस्तान और केंद्र सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला था। इसी भाषण के जवाब में ममता ने पीएम पर निजी हमला कर दिया, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
सिंदूर पर सियासत
मुख्यमंत्री बनर्जी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “सिंदूर का संबंध हर महिला की भावनाओं से है। यह एक पवित्र प्रतीक है, जिसे महिलाएं अपने पति के लिए लगाती हैं। इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना महिलाओं का अपमान है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहती थी, लेकिन प्रधानमंत्री के भाषण की भाषा ने मुझे बोलने पर मजबूर कर दिया।”
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केंद्र सरकार अब घर-घर जाकर सिंदूर बांटेगी? और क्या इसी तरह ‘ऑपरेशन बंगाल’ की भी तैयारी है? उनका इशारा साफ था कि भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ बनाम ‘ऑपरेशन बंगाल’
PM मोदी की सभा में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पश्चिम बंगाल में ‘ऑपरेशन बांग्ला’ की बात कही थी, जिसकी तुलना उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से की। उन्होंने यह बयान देकर तृणमूल सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया था।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “क्या अब बंगाल के खिलाफ भी कोई ऑपरेशन चलेगा? क्या लोकतंत्र में राज्य सरकारों को इस तरह हटाया जाएगा?” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे बयान ना केवल संघीय ढांचे को कमजोर करते हैं, बल्कि देश की एकता पर भी सवाल खड़े करते हैं।
ममता की मोदी को खुली चुनौती
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को खुली बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा, “अगर आपमें हिम्मत है तो मेरे साथ आमने-सामने बहस करें। बिना स्क्रिप्ट के, बिना प्रॉम्प्टर के सवालों के जवाब दें। आप चाहें तो टेलीप्रॉम्प्टर लेकर आइए, लेकिन देश को सच्चाई बताइए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मीडिया को नियंत्रित कर रहे हैं और झूठी खबरों का इस्तेमाल कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। ममता ने कहा कि मोदी सरकार बंगाल के खिलाफ फर्जी प्रचार कर रही है और देश में नफरत फैलाने का काम कर रही है।
राष्ट्रवाद बनाम प्रचारवाद
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तृणमूल सरकार ने आतंकवाद और देशविरोधी ताकतों के खिलाफ हमेशा केंद्र का समर्थन किया है। ऐसे में पीएम मोदी का बंगाल सरकार पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “आप सेना के लिए कुछ क्यों नहीं करते? सिर्फ प्रचार से देश नहीं चलता।”
ममता ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए यह भी कहा कि यदि भाजपा इतनी ही लोकप्रिय है, तो पश्चिम बंगाल में फिर से चुनाव का सामना करे। उन्होंने कहा, “अगर आपके पास साहस है, तो कल ही बंगाल में चुनाव करवा लीजिए। हम देखेंगे कि जनता किसके साथ है।”
विपक्ष में गूंज और भाजपा का पलटवार
ममता की टिप्पणी के बाद विपक्षी दलों ने उनकी बातों का समर्थन किया है, वहीं भाजपा ने उनकी बयानबाज़ी को “मर्यादा के खिलाफ” बताया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, “ममता बनर्जी अपनी हार को देखकर बौखला गई हैं। प्रधानमंत्री पर निजी टिप्पणी करना बेहद निंदनीय है।”