नई दिल्ली । अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से मिली ताज़ा जानकारियों के अनुसार, Israel ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए उसके परमाणु ठिकानों पर संभावित सैन्य हमले की व्यापक तैयारी कर रहा है। खुफिया दस्तावेजों और पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह हमला अगले कुछ महीनों के भीतर हो सकता है यदि कूटनीतिक प्रयास विफल होते हैं।

क्या कहती हैं खुफिया रिपोर्टें?
CNN में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी खुफिया समुदाय ने हाल ही में ऐसे संकेत प्राप्त किए हैं कि इजरायल अपने वायुसेना अभ्यास, मिसाइल प्रणाली की तैनाती और विशेष बलों की गतिविधियों को बढ़ा रहा है। यह सभी संकेत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर सर्जिकल या व्यापक हमले की योजना बना रहा है।

ईरान का परमाणु कार्यक्रम क्यों बना खतरा?
ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन अमेरिका, इजरायल और कई अन्य देशों का मानना है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार बनाने की दिशा में अग्रसर है। हाल के वर्षों में ईरान ने यूरेनियम संवर्धन (uranium enrichment) की दर को बढ़ा दिया है और निरीक्षकों की पहुंच को सीमित किया है, जिससे संदेह और बढ़ गया है।

इजरायल की हालिया सैन्य गतिविधियां: संकेत या तैयारी?
गोपनीय अभ्यास: इजरायल एयरफोर्स ने हाल में अमेरिका के साथ मिलकर ऐसे युद्धाभ्यास किए हैं जो लंबी दूरी के हमलों और भूमिगत ठिकानों पर हमले की रणनीति पर केंद्रित थे।

खुफिया हमले का इतिहास: अक्टूबर 2023 में इजरायल ने ईरान के ‘तालेघन-2’ परमाणु अनुसंधान केंद्र पर हमला किया था, जिसे अब तक का सबसे गोपनीय और सटीक ऑपरेशन माना जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीतिक समीकरण
अमेरिका की भूमिका: अमेरिका, इजरायल का प्रमुख सहयोगी, इस तरह के हमले को लेकर सतर्क है क्योंकि यह पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र को युद्ध की ओर धकेल सकता है।

संयुक्त राष्ट्र और IAEA (परमाणु ऊर्जा एजेंसी): IAEA ने ईरान से लगातार पारदर्शिता की मांग की है, लेकिन हाल ही में तेहरान ने निरीक्षकों की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।

तेल बाजार पर असर
इजरायल-ईरान संघर्ष की आशंका से वैश्विक तेल बाजार में हलचल मच गई है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तेल की कीमतों में लगभग 1% की वृद्धि हुई है क्योंकि ईरान एक प्रमुख तेल उत्पादक देश है और किसी भी संघर्ष से वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।

क्या आने वाले दिनों में हमला संभव ?
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल हमला तभी करेगा जब उसे लगेगा कि ईरान हथियार बनाने के बेहद करीब पहुंच गया है और कूटनीतिक प्रयास विफल हो चुके हैं। फिलहाल, यह रणनीतिक दबाव बनाने का एक हिस्सा हो सकता है ताकि ईरान परमाणु वार्ता में लचीलापन दिखाए।

 

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