नई दिल्ली । भारतीय नौसेना को जल्द ही एक नया गौरव मिलने जा रहा है — INSV कौंडिन्य, जो न सिर्फ तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर रक्षा अभियान को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। यह जहाज़ भारत में पूरी तरह से डिज़ाइन और  निर्मित किया गया है, जो Make in India के विज़न की ताकत को दर्शाता है।

आज के दौर में लकड़ी का जहाज
भारत अब शिपबिल्डिंग में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुका है. भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले ज्यादातर जहाज देश में ही बनाए गए हैं. नई तकनीक के इन जहाजों ने भारत की ताकत को बढ़ाया है. अब 5वीं सदी के जहाज को ठीक उसी तरह से बनाकर भारत ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है. इस जहाज को पूरी तरह से लकड़ी से बनाया गया है, जिसमें किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है. लकड़ियों को जोड़ने के लिए रस्सी, नारियल फाइबर और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया है. इस जहाज के निर्माण के लिए काफी रिसर्च की गई और नेवी ने इसके डिजाइन और निर्माण को हर स्टेज पर मॉनिटर किया.

भारत की अनूठी परंपराओं की प्रतीक है ये जहाज
भारतीय नौसेना ने पारंपरिक विधि का इस्तेमाल कर आईएनएसवी कौंडिन्य को बनाया है। सेना के अधिकारियों ने बताया ‘यह पांचवीं शताब्दी के जहाज पर आधारित है और इसका नाम ‘कौंडिन्य’ के नाम पर रखा गया है, जो हिंद महासागर को पार करके दक्षिण पूर्व एशिया तक यात्रा करने वाले एक महान भारतीय नाविक थे।’ अधिकारियों ने बताया कि यह जहाज भारत की अनूठी परंपराओं का प्रतीक है। एक अधिकारी ने बताया, ‘नौसेना में इसका शामिल होना और इसका नामकरण एक असाधारण परियोजना का हिस्सा है। यह भारत के समृद्ध जहाज निर्माण की विरासत का जश्न मनाती है। यह जहाज पांचवी सदी के जहाज की तर्ज पर बनाया गया है।’

क्यों खास है INSV कौंडिन्य?

  1. पूरी तरह स्वदेशी निर्माण
    INSV कौंडिन्य भारतीय नौसेना का नवीनतम प्रशिक्षण जहाज़ है, जिसे Goa Shipyard Limited ने तैयार किया है। यह जहाज़ भारत में विकसित तकनीकों, उपकरणों और सिस्टम्स से लैस है, जिससे देश की आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलती है।
  2.  नौसैनिक प्रशिक्षण में क्रांति
    यह जहाज़ नौसैनिक कैडेट्स के समुद्री प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल होगा। इसका डिज़ाइन इस तरह तैयार किया गया है कि युवा नौसैनिकों को समुद्री जीवन की असली चुनौतियों का अनुभव मिल सके — जैसे नेविगेशन, मौसम की मार, और समुद्री संचालन।
  3.    पर्यावरण के अनुकूल टेक्नोलॉजी
    INSV कौंडिन्य में आधुनिक नेविगेशन सिस्टम, सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण और न्यूनतम ईंधन खपत के लिए स्मार्ट डिज़ाइन शामिल है। यह जहाज़ पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
  4.  भारत की समुद्री शक्ति को नई पहचान
    INSV कौंडिन्य सिर्फ एक जहाज़ नहीं, बल्कि भारत के वैश्विक समुद्री प्रभाव का प्रतीक बनने जा रहा है। यह जहाज़ अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यासों में भाग ले सकेगा, और भारत की “सिक्योरिटि एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन (SAGAR)” नीति को मजबूती देगा।
  5.  महिला नेतृत्व का प्रतीक भी!
    INSV कौंडिन्य का विशेष महत्व इस बात में भी है कि इसे भविष्य में महिला अफसरों की टीम भी ऑपरेट कर सकती है। इससे पहले INSV तारिणी पर महिला अधिकारियों ने पूरी दुनिया की परिक्रमा की थी। कौंडिन्य इसी परंपरा को आगे बढ़ाएगा।
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