नई दिल्ली । आतंकवाद को लेकर भारत की संसद में एक बार फिर सख्त तेवर देखने को मिले। कांग्रेस सांसद शशि थरूर और मनीष तिवारी ने पाकिस्तान (Pakistan) को निशाने पर लेते हुए कहा कि भारत अब इस मुद्दे पर चुप बैठने वाला नहीं है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आग्रह किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सख्त कदम उठाए।

शशि थरूर ने कहा, “हम आतंकवाद के मुद्दे पर चुप नहीं रह सकते। यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि समूची मानवता के लिए खतरा है। आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती और यह किसी भी देश में तबाही मचा सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम इस खतरे के खिलाफ एक वैश्विक अभियान शुरू करें।”

थरूर ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद की निंदा की है, लेकिन अब समय आ गया है कि दुनिया भी इस खतरे को गंभीरता से ले और ठोस कदम उठाए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी पाकिस्तान पर सीधा हमला करते हुए कहा, “पाकिस्तान में पिछले 45 सालों से आतंकवाद पनप रहा है। वहां की सत्ता और आतंकी संगठनों के बीच का संबंध किसी से छुपा नहीं है। यह मेरी ज़िम्मेदारी है कि मैं दुनिया को सच बताऊं। अगर हम चुप रहे, तो इसका खामियाजा पूरी दुनिया को भुगतना पड़ेगा।”

तिवारी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए अस्थिरता का कारण बन रहा है।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर असर की उम्मीद

इन बयानों के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि भारत आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को और अधिक मजबूती से उठाएगा। भारत का यह रुख यह भी दर्शाता है कि अब वह किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।

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