@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के उमरगांव के किसान अपनी वर्षों पुरानी मांग को लेकर राजधानी रायपुर पहुंचे। उन्होंने उपमुख्यमंत्री अरुण साव सहित कई प्रमुख मंत्रियों से मुलाकात कर अपने क्षेत्र में एक नई सहकारी समिति (सोसायटी) की स्थापना के लिए ज्ञापन सौंपा, ताकि हजारों किसानों को राहत मिल सके।
क्यों जरूरी है उमरगांव में नई सोसायटी?
उमरगांव धान उपार्जन केंद्र के अंतर्गत लगभग डेढ़ दर्जन गांव आते हैं, जिनमें उमरगांव, छिंदीटोला, सारंगपुरी, मौहाबाहरा, और फरसगांव जैसे कई गांव शामिल हैं। इन गांवों के किसान अपनी फसल बेचने और खाद-बीज लेने के लिए उमरगांव पर निर्भर हैं। लेकिन, यहां सोसायटी न होने के कारण उन्हें 5 से 25 किलोमीटर दूर सांकरा स्थित सोसायटी जाना पड़ता है। यह न केवल असुविधाजनक है, बल्कि किसानों के लिए एक बड़ी समस्या भी है।
किसानों का दर्द: समय और पैसे की बर्बादी
सांकरा सोसायटी का कार्यक्षेत्र बहुत बड़ा होने के कारण वहां हमेशा भीड़ रहती है। किसानों का कहना है कि छोटे-छोटे कामों के लिए भी उन्हें कई-कई दिनों तक सोसायटी के चक्कर काटने पड़ते हैं। इससे उनके कीमती समय और मेहनत की कमाई दोनों बर्बाद होती है। इस परेशानी के कारण कई किसान परिवार सोसायटी से ऋण लेने और समय पर खाद-बीज उठाने से भी कतराते हैं, जिसका सीधा असर उनकी खेती पर पड़ता है।
सभी मापदंडों पर खरा, फिर भी सालों का इंतजार
ग्रामीण प्रतिनिधियों, जिनमें उपसरपंच फलेंद्र साहू, देवेंद्र सेन, और अन्य शामिल थे, ने बताया कि उमरगांव क्षेत्र नई सोसायटी की स्थापना के लिए सरकार द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों को पूरा करता है। इसके बावजूद, वर्षों से उनकी मांग लंबित है। यह प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है और किसानों के मन में निराशा पैदा करता है।
नई सोसायटी से हजारों किसानों को मिलेगी राहत
यदि उमरगांव में एक नई सोसायटी खुल जाती है, तो इससे क्षेत्र के हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्हें खाद-बीज, ऋण और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। इससे उनका समय बचेगा और वे अपनी खेती पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। उपमुख्यमंत्री अरुण साव, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, और कृषि मंत्री रामविचार नेताम से मुलाकात के बाद अब किसानों को उम्मीद है कि उनकी इस जायज मांग पर जल्द ही सकारात्मक कार्रवाई होगी।