भारत में मानसून केवल एक मौसम (Weather) नहीं, बल्कि कृषि, अर्थव्यवस्था और जनजीवन की रीढ़ होता है। 2025 में मानसून की शुरुआत ने कई राज्यों में राहत तो दी, लेकिन उसके साथ-साथ आपदा की आहट भी महसूस कराई। तेज बारिश, आंधी, ओलावृष्टि और लू की मार ने पूरे देश को सचेत कर दिया है कि मौसम अब पहले जैसा सरल नहीं रहा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2 जून तक देश के कई हिस्सों में भारी बारिश, आंधी, बिजली गिरने और तेज हवाओं को लेकर चेतावनी जारी की है। इन मौसमीय प्रभावों का असर दक्षिण भारत, पश्चिमी तट, पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी और मध्य भारत के साथ-साथ उत्तर भारत के कुछ राज्यों में देखा जा सकता है। कई क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा के साथ गरज-चमक और तूफानी हवाओं की संभावना बनी हुई है, जबकि कुछ इलाकों में लू का खतरा भी बना हुआ है।

मानसून की स्थिति:

2025 में मानसून की पांचवें दिन की रिपोर्ट बताती है कि देश के 14 राज्यों में भारी बारिश हो रही है। खासकर छत्तीसगढ़ में केवल पांच दिनों में 2840 मिमी (111 इंच) बारिश हुई, जो सामान्य से लगभग छह गुना अधिक है। यह एक असामान्य स्थिति है, जिससे बाढ़ और जलभराव की आशंका बढ़ गई है।

 राज्यवार विश्लेषण:

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार इस बार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और उनके आस-पास के क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसके विपरीत, पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में इस वर्ष सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। मध्य और दक्षिण भारत में मानसून सामान्य से ज्यादा सक्रिय रहने की उम्मीद है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश सामान्य स्तर पर बनी रहेगी। पूर्वोत्तर भारत में इस बार सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। मानसून के कोर जोन में आने वाले ये क्षेत्र खेती के लिए मानसूनी बारिश पर पूरी तरह निर्भर करते हैं, इसलिए यहां की फसलों के लिए यह बारिश काफी लाभदायक साबित होगी।

छत्तीसगढ़:

छत्तीसगढ़ में इस मानसून सीजन में अब तक सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जिससे सामान्य जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव की समस्या बढ़ गई है और प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है। सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं, बिजली सप्लाई प्रभावित हुई है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के नागरिकों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की जरूरत है।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में लगातार तीसरे दिन भारी वर्षा का दौर जारी है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित राज्य के 40 जिलों में तेज आंधी और बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। मौसम(Weather) विभाग ने चेतावनी दी है कि आंधी की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है, साथ ही पेड़ गिरने और बिजली कटने जैसी घटनाओं से बचने के लिए सावधानी बरतने को कहा है।

जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण तापमान में स्पष्ट गिरावट आई है। इस अचानक हुए मौसम बदलाव ने स्थानीय निवासियों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी यात्रा और बाहरी गतिविधियाँ कठिन कर दी हैं। भीषण ठंड और बारिश के कारण सड़कें फिसलन भरी हो गई हैं, जिससे आवागमन में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

 राजस्थान:

 राजस्थान में मौसम(Weather) का मिजाज दोधारी तलवार जैसा है, जहां एक तरफ तेज़ लू का प्रकोप जारी है तो वहीं दूसरी ओर कई जिलों में आंधी-बारिश का डर भी बना हुआ है। बाड़मेर, जैसलमेर और फलोदी जैसे इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया है, जिससे गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। मौसम विभाग ने राज्य के 7 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है, जबकि 15 जिलों में तेज आंधी और बारिश को लेकर येलो अलर्ट दिया गया है। ऐसे में जनता को गर्मी और तूफानी बारिश दोनों से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

कृषि और जनजीवन पर प्रभाव:

यह बारिश खरीफ फसल की बुवाई के लिए अनुकूल मानी जा रही है, लेकिन अत्यधिक वर्षा के कारण फसलों को नुकसान, शहरी क्षेत्रों में जलभराव, और यातायात व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

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