नारायणपुर ।  छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई है, जिसमें अब तक 30 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मारे गए नक्सलियों में कई बड़े कैडर और माओवादी संगठन के शीर्ष नेता शामिल हैं। यह मुठभेड़ नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव जिलों की सीमा पर स्थित अबूझमाड़ के घने जंगलों में हुई। सुरक्षाबलों का ऑपरेशन अभी भी जारी है और इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है।

कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन?

नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रभात कुमार ने बताया कि माओवादियों के माड़ डिवीजन के बड़े नेताओं के जंगल में एकत्र होने की गुप्त सूचना मिली थी। इस इनपुट के बाद डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों को अलर्ट किया गया और नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव जिलों की संयुक्त पुलिस टीम ने मिलकर एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

यह ऑपरेशन दो दिन पहले शुरू हुआ था और अबूझमाड़ व ओरछा के जंगलों में चलाया जा रहा था। इसी दौरान सुरक्षाबलों को नक्सलियों की मौजूदगी का अहसास हुआ और जब जवान इलाके में पहुंचे, तो नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की।

ठभेड़ में बड़ी कामयाबी

इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। अब तक 30 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, जिनमें से 21 के शव बरामद कर लिए गए हैं। घटनास्थल से बड़ी संख्या में हथियार, विस्फोटक सामग्री और अन्य सामान भी बरामद किया गया है। मारे गए नक्सलियों में कुछ टॉप कमांडर शामिल हैं, जिनकी पहचान की जा रही है। बताया जा रहा है कि इनमें कुछ ऐसे नाम हैं जो पिछले कई वर्षों से पुलिस की वांछित सूची में थे।

सुरक्षाबलों की रणनीति और बहादुरी

इस ऑपरेशन में डीआरजी के जवानों के साथ-साथ सीआरपीएफ और STF के जवानों ने भी हिस्सा लिया। सुरक्षाबलों ने पूरी रणनीति के तहत जंगलों को घेरा और नक्सलियों को बाहर निकलने का मौका नहीं दिया। जवानों ने बेहद सूझबूझ और साहस के साथ नक्सलियों की हर चाल को नाकाम किया।

मुठभेड़ के दौरान एक पुलिस जवान घायल हुआ है, जबकि एक सहयोगी की शहादत की खबर है। घायल जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

गृह मंत्री की प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन को सुरक्षाबलों की ऐतिहासिक सफलता बताया है। उन्होंने कहा,

“यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ है। हमारे बहादुर जवानों ने जिस साहस और रणनीति से यह ऑपरेशन चलाया, वह सराहनीय है। अब तक 30 नक्सली मारे गए हैं और ऑपरेशन अभी भी जारी है। कुछ बड़े नक्सली कमांडर घिरे हुए हैं। यह अभियान तब तक चलेगा जब तक नक्सलियों का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता।”

नक्सलवाद खत्म करने का मिशन

राज्य सरकार ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी दिशा में लगातार कार्रवाई हो रही है। अबूझमाड़ जैसे दूर-दराज और दुर्गम इलाकों में भी अब सुरक्षाबलों की पहुंच बन चुकी है, जो पहले नक्सलियों के सुरक्षित गढ़ माने जाते थे। यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की नीति और सुरक्षाबलों की तैयारी का प्रमाण है।

इलाके में अब भी सर्च ऑपरेशन जारी

पुलिस सूत्रों के अनुसार अभी भी कई नक्सली जंगल में छिपे हो सकते हैं। इसलिए पूरे इलाके में सर्चिंग जारी है। ड्रोन, स्निफर डॉग्स और तकनीकी उपकरणों की मदद से सुरक्षाबल पूरे क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं। रायपुर और बस्तर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।

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