संवाददाता तुकाराम कंसारी
@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन नवापारा राजिम।
👉 राजिम में हल्का क्रमांक 23 की पटवारी भारती देवांगन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
👉 नामांतरण के एवज में ₹2000 की रिश्वत मांगने का आरोप
👉 जनपद सदस्य ने भी उठाई कार्रवाई की मांग, प्रशासन पर उठे सवाल
@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, राजिम। जिला प्रशासन द्वारा बार-बार निर्देश देने के बावजूद पटवारियों की कार्यशैली में पारदर्शिता अब भी एक चुनौती बनी हुई है। ताजा मामला राजिम तहसील के हल्का क्रमांक 23 की पटवारी भारती देवांगन का है, जिन पर ग्राम बकली निवासी किसान टिकेश आडिल ने रिश्वत मांगने और दस्तावेज जारी करने में लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है।
टिकेश आडिल ने एसडीएम को सौंपे गए अपने लिखित आवेदन में आरोप लगाया कि उनके पिता के निधन के बाद किए गए जमीन के नामांतरण के बाद भी पटवारी ने जरूरी दस्तावेजों—बी-1, पी-2 और ऋण पुस्तिका—को जारी नहीं किया और ₹2000 की रिश्वत की मांग की।
“रिश्वत देने की आर्थिक स्थिति नहीं होने के कारण पटवारी ने न केवल दस्तावेजों में टालमटोल की, बल्कि डिजिटल हस्ताक्षर भी नहीं किए।” – टिकेश आडिल, किसान
किसान ने यह भी बताया कि जब उन्होंने बार-बार फोन पर संपर्क करना चाहा, तो पटवारी ने उनका नंबर तक ब्लॉक कर दिया। इस व्यवहार से उनका किसानी कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो गया है और वे मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनपद पंचायत सदस्य पूजा मुकेश भारती ने भी इस घटना को लेकर नाराजगी जताई है और एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
“किसानों के साथ इस तरह का बर्ताव असहनीय है। दोषी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” – पूजा मुकेश भारती, जनपद सदस्य
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस पूरे मामले को एसडीएम स्तर पर संज्ञान में लिया गया है और जांच की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है।
क्या होगी अब अगली कार्रवाई?
अब देखना यह होगा कि क्या पटवारी भारती देवांगन के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की जाती है या यह शिकायत भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबी रह जाएगी।
पृष्ठभूमि:
जिला प्रशासन द्वारा विगत महीनों में कई बार पटवारियों को निर्देशित किया गया था कि वे पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ कार्य करें। बावजूद इसके, इस तरह की घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी तंत्र की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं।
📌 फिलहाल, पूरे इलाके की नजर इस बात पर टिकी है कि प्रशासन किसान को न्याय दिलाने में कितनी तत्परता दिखाता है।