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अमेरिका की एक संघीय अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump द्वारा घोषित ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ को अवैध करार देते हुए उस पर रोक लगा दी है। 28 मई 2025 को न्यूयॉर्क स्थित यू.एस. कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने यह निर्णय सुनाया, जिसमें कहा गया कि Trump ने अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियाँ अधिनियम (IEEPA) के तहत अपनी अधिकार सीमा का उल्लंघन किया है ।
क्या थे ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ?
2 अप्रैल 2025 को Trump ने ‘लिबरेशन डे’ के तहत एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिसमें अधिकांश आयातों पर 10% का आधार टैरिफ और चीन, यूरोपीय संघ, मैक्सिको और कनाडा जैसे देशों से आने वाले उत्पादों पर और भी अधिक शुल्क लगाने की घोषणा की गई थी। इन टैरिफों का उद्देश्य व्यापार घाटे को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर उसे कम करना था ।
कोर्ट ने क्या कहा?
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सीमित अधिकार: अदालत ने कहा कि 1977 के अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (IEEPA) राष्ट्रपति को असीमित टैरिफ लगाने की अनुमति नहीं देता।
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“वास्तविक और असाधारण खतरा” जरूरी है: IEEPA के तहत राष्ट्रपति तभी टैरिफ लगा सकते हैं, जब कोई ऐसा आपातकालीन खतरा हो जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए असाधारण हो।
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अदालत ने पाया कि Trump द्वारा घोषित “लिबरेशन डे” टैरिफ में ऐसा कोई आपातकालीन खतरा स्पष्ट नहीं किया गया।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया
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तुरंत अपील: अदालत के फैसले के खिलाफ तत्काल अपील दायर की गई।
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कार्यकारी स्वतंत्रता की वकालत: एक प्रवक्ता ने कहा कि अदालतों को राष्ट्रीय आपात स्थितियों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये कार्यकारी निर्णय हैं।
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लोकतांत्रिक वैधता पर ज़ोर: उन्होंने कहा कि यह निर्वाचित अधिकारियों का कार्य है कि वे तय करें कि आपातकाल की स्थिति को कैसे संबोधित किया जाए, न कि न्यायाधीशों का।
बता दें कि ‘लिबरेशन डे टैरिफ’ एक अमेरिकी व्यापार नीति थी, जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump ने 2 अप्रैल 2025 को ‘लिबरेशन डे’ के रूप में घोषित करते हुए लागू किया था। इस नीति के तहत अमेरिका ने लगभग सभी आयातित वस्तुओं पर 10% से लेकर 145% तक का आयात शुल्क (टैरिफ) लगाया था। कुछ देशों — विशेष रूप से चीन, यूरोपीय संघ, मैक्सिको और कनाडा — से आने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त और उच्च दरों से शुल्क वसूला गया, जिन्हें अमेरिका के लिए व्यापार घाटे के लिए जिम्मेदार माना गया था।