@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, लांस एंजिलिस। अमेरिका इस वक्त सुलग रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अवैध अप्रवासियों के खिलाफ लागू की गई नई सख्त नीतियों ने देश में भूचाल ला दिया है। लोग सरकार के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं, और विरोध की यह आग हिंसक हो चुकी है। इसका सबसे बड़ा केंद्र लॉस एंजिलिस बना हुआ है, जहां हालात बेकाबू होते जा रहे हैं।

लॉस एंजिलिस बना हिंसा का केंद्र: कर्फ्यू और इमरजेंसी की घोषणा

लॉस एंजिलिस में लगातार पांचवें दिन हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। प्रदर्शनकारी इतने आक्रोशित हैं कि वे गाड़ियों में आग लगा रहे हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बिगड़ते हालात को देखते हुए मेयर कैरन बैस ने पूरे शहर में आपातकाल (Emergency) की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही, शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शाम 6 बजे के बाद सख्त कर्फ्यू लगा दिया गया है।

ट्रंप प्रशासन का बड़ा एक्शन: सड़कों पर सेना और मरीन कमांडो

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ट्रंप प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। लॉस एंजिलिस में कानून व्यवस्था को फिर से स्थापित करने के लिए 4,000 नेशनल गार्ड के जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, 700 मरीन कमांडो को भी शहर में भेजा गया है। लॉस एंजिलिस पुलिस विभाग (LAPD) ने अब तक 1100 से ज्यादा हिंसक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।

क्यों भड़की है विरोध की यह आग? जानें ट्रंप की नई नीति

लॉस एंजिलिस में लगातार पांचवें दिन हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। प्रदर्शनकारी इतने आक्रोशित हैं कि वे गाड़ियों में आग लगा रहे हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बिगड़ते हालात को देखते हुए मेयर कैरन बैस ने पूरे शहर में आपातकाल (Emergency) की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही, शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शाम 6 बजे के बाद सख्त कर्फ्यू लगा दिया गया है।
इस पूरे बवाल की जड़ राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा अप्रवासियों के खिलाफ शुरू किया गया “ऑपरेशन एट लार्ज” (Operation At Large) है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें बड़े पैमाने पर देश से बाहर निकालना (Deportation) है।

नई नीति के तहत, सभी अवैध प्रवासियों के लिए अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। जो भी व्यक्ति ऐसा करने में विफल रहेगा, उस पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा और उसे देश से बाहर निकाल दिया जाएगा। ट्रंप के इसी फैसले ने मानवाधिकार संगठनों और अप्रवासी समुदायों में आक्रोश भर दिया है।

राष्ट्रपति ट्रंप की दो टूक चेतावनी

प्रदर्शनकारियों के उग्र तेवर को देखते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “अगर लॉस एंजिलिस में यह हिंसा नहीं रुकी, तो मैं पूरे शहर में ‘विद्रोह कानून’ (Insurrection Act) लागू कर दूंगा।” यह कानून अमेरिकी सरकार को किसी भी विद्रोह को दबाने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने की असीमित शक्ति देता है।
इसके अलावा, ट्रंप ने 14 जून को होने वाली आर्मी परेड को लेकर भी चेतावनी दी है। 14 जून को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ और ट्रंप का 79वां जन्मदिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन वॉशिंगटन डीसी में कोई भी प्रदर्शन करने की कोशिश करेगा तो उसे सेना के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।

अन्य शहरों तक पहुंची हिंसा की लपटें, दो की मौत

लॉस एंजिलिस से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन अब अमेरिका के कई बड़े शहरों तक फैल चुका है। सैन फ्रांसिस्को, डलास, ऑस्टिन, टेक्सास और न्यूयॉर्क में भी हिंसक झड़पें और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, इस राष्ट्रव्यापी हिंसा में अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है।

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