@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, भिलाई/अहिवारा।
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👉निलंबित आरक्षक माणिकचंद धनूरकर पहले से ही था विवादों में
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👉 पीड़िता को फोन कर लगातार परेशान करता रहा आरोपी
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👉 पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई कर दोनों को हिरासत में लिया
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📍 घटना स्थल: तहसील कार्यालय के पास मैदान, नंदिनी अहिवारा
📅 घटना की तारीख: सोमवार रात
👮♂️ गिरफ्तारी: मंगलवार सुबह
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📌 मुख्य तथ्य एक नज़र में:
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निलंबित आरक्षक और डायल 112 का ड्राइवर नशे की हालत में पहुंचे थे मैदान में
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खुद को पुलिस बताकर आरक्षक ने युवती के दोस्तों के साथ की मारपीट
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युवती को जबरन खींचकर किया अश्लील स्पर्श
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मोबाइल से अपना नंबर डायल कर बाद में कॉल कर परेशान किया
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पीड़िता ने परिजनों के साथ पहुंचकर थाने में की रिपोर्ट
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आरोपियों पर BNS की कई धाराओं में गंभीर मामला दर्ज
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📖 क्या है पूरा मामला?
नंदिनी क्षेत्र में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहाँ नशे में धुत्त एक निलंबित आरक्षक और डायल 112 के ड्राइवर ने एक किशोरी से छेड़छाड़ की। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना सोमवार रात की है, जब पीड़िता अपने परिचितों के साथ तहसील कार्यालय के पास टहल रही थी। उसी दौरान शराब के नशे में धुत्त आरक्षक माणिकचंद धनूरकर और डायल 112 का ड्राइवर दिनेश डोंडेकर वहां पहुंचे। खुद को पुलिसकर्मी बताकर माणिकचंद ने पीड़िता के दोस्तों के साथ मारपीट की और फिर किशोरी का हाथ पकड़ कर जबरदस्ती उसे दूर ले जाकर अश्लील हरकतें कीं।
आरोप है कि माणिकचंद ने युवती का मोबाइल लेकर उसमें अपना नंबर डायल किया और बाद में रात भर कई बार कॉल कर परेशान करता रहा। डर और तनाव में आई पीड़िता ने फोन बंद कर परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी। मंगलवार को युवती ने नंदिनी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
⚖️ किस-किस धारा में केस दर्ज?
पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2), 351(3), 74 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि आरक्षक माणिकचंद धनूरकर को पहले ही शराब कारोबारियों से सांठगांठ और अनुशासनहीनता के चलते एसएसपी विजय अग्रवाल द्वारा निलंबित किया जा चुका था
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🔍 पृष्ठभूमि:
आरक्षक माणिकचंद को पहले ही शराब तस्करों से सांठगांठ और अनुशासनहीनता के कारण एसएसपी विजय अग्रवाल ने सस्पेंड किया था। इसके बावजूद, वह लगातार नियमों की अनदेखी करता रहा।
पुलिस की तत्परता से पीड़िता को मिला न्याय का भरोसा:
इस घटना ने पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया, लेकिन त्वरित कार्रवाई से पीड़िता और समाज को यह संदेश गया कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।