नई दिल्ली। भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सियासत गर्मा गई है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक ने इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग तेज कर दी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में I.N.D.I.A नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है।
बैठक के बाद दोपहर 12:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए लेटर पर हस्ताक्षर करने वाले 200 से अधिक सांसदों की जानकारी साझा की जाएगी। इस पत्र में सरकार से पारदर्शिता की मांग की गई है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 टूरिस्टों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले का जवाब देते हुए भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और POK के अंदर स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की।
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया और पाकिस्तान की एयर डिफेंस मशीनरी, रडार इन्फ्रास्ट्रक्चर, और कम्युनिकेशन सेंटर्स को भारी नुकसान पहुंचाया गया। भारत के हमले में 11 पाकिस्तानी एयरबेस को भी गंभीर क्षति हुई।
पाकिस्तान का दावा: 5 भारतीय फाइटर जेट मार गिराए
ऑपरेशन के जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पार गोलाबारी, ड्रोन हमले, और प्रोपेगेंडा अभियान शुरू कर दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में दावा किया कि पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में 5 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जिनमें 3 राफेल शामिल थे। कुछ दिनों बाद, पाकिस्तान ने यह संख्या 6 विमानों तक पहुंचा दी।
CDS अनिल चौहान के बयान के बाद विवाद और बढ़ा
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में एक इंटरव्यू में कहा कि,
“मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, असली सवाल यह है कि वे क्यों गिरे।”
इस बयान को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार सच्चाई को छिपा रही है और जनता को जवाब देना उसका कर्तव्य है।
कांग्रेस और विपक्ष की विशेष सत्र की मांग
कांग्रेस ने CDS के बयान को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए लिखा,
“CDS ने यह स्वीकार किया कि हमें फाइटर जेट्स का नुकसान हुआ है। फिर सरकार इस बात को छिपा क्यों रही है?”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछते हुए कहा,
“अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया। लेकिन मोदी सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। क्या भारत और पाकिस्तान फिर एक हो गए हैं?”
200 से ज्यादा सांसदों ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
I.N.D.I.A ब्लॉक के नेताओं का कहना है कि इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना बेहद जरूरी है। इसके समर्थन में लोकसभा के 200 से अधिक सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसे आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक किया जा सकता है।
बैठक में कांग्रेस की ओर से दीपेंद्र सिंह हुड्डा, RJD से मनोज कुमार झा, तृणमूल कांग्रेस से ममता बनर्जी, और अन्य क्षेत्रीय दलों के नेता हिस्सा ले रहे हैं।
RJD सांसद मनोज झा का पत्र: “देश को अंधेरे में रखा गया”
RJD सांसद मनोज कुमार झा ने अपने पत्र में लिखा,
“भारत के लोग महसूस कर रहे हैं कि उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है। वे जानना चाहते हैं कि सरकार ने क्या फैसला किया और उसके क्या परिणाम हुए।”
उन्होंने यह भी लिखा कि सरकार या तो खुद आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है या जवाब देने से बचने की कोशिश कर रही है, जो दोनों ही स्थितियां देश के लिए खतरनाक हैं।
ममता बनर्जी की अपील: संसद बुलाएं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र से संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील की है। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा,
“डेलिगेशन के लौटने के बाद संसद का विशेष सत्र जरूर बुलाया जाना चाहिए। देश के लोगों को संघर्ष और घटनाक्रम के बारे में जानने का पूरा अधिकार है।”
ऑल पार्टी डेलिगेशन का वर्ल्ड टूर
केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के पक्ष को दुनिया के सामने रखने के लिए 7 ऑल पार्टी डेलिगेशन भेजे हैं। ये प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्राजील, यूरोप, सिंगापुर समेत विभिन्न देशों में जाकर आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को स्पष्ट कर रहे हैं। इस सप्ताह के अंत तक ये सभी डेलिगेशन वापस भारत लौट आएंगे।
विपक्षी दलों का कहना है कि विशेष सत्र इन डेलिगेशन की वापसी के बाद बुलाया जाना चाहिए ताकि सरकार से सार्वजनिक रूप से सवाल पूछे जा सकें और जवाब लिए जा सकें।