नई दिल्ली । जून 2025 की शुरुआत के साथ भारत में Corona के मामलों में फिर से वृद्धि देखी जा रही है, जिसने देशभर में स्वास्थ्य तंत्र को सतर्क कर दिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, देश में 2 जून 2025 तक सक्रिय मामलों की कुल संख्या 3,961 तक पहुंच चुकी है, जो पिछले 24 घंटों में 566 की वृद्धि दर्शाती है। कोविड-19 से जुड़ी 4 नई मौतों की भी पुष्टि हुई है। यह वृद्धि ऐसे समय पर हो रही है जब अधिकांश लोग महामारी के बाद की सामान्य स्थिति में लौट चुके हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार संक्रमण की यह लहर पहले की तुलना में अधिक तीव्र नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतना अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान में जो वेरिएंट प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, वे KP.1 और KP.2 हैं, जो कि पहले के JN.1 ओमिक्रॉन वेरिएंट से विकसित हुए हैं। इन वेरिएंट्स को अधिक संक्रामक माना जा रहा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि अब तक अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु दर में कोई चिंताजनक वृद्धि नहीं देखी गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिशें
WHO ने कोविड-19 के फिर से उभरने पर चिंता व्यक्त करते हुए कुछ आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन करके संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है:
- टीकाकरण: सभी पात्र व्यक्तियों को कोविड-19 की पूर्ण खुराक और बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी गई है।
- मास्क पहनना: भीड़भाड़ वाली जगहों, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन में मास्क का उपयोग अत्यंत आवश्यक है।
- स्वच्छता: हाथों की नियमित सफाई, सेनिटाइज़र का उपयोग, और सतहों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
- जांच और निगरानी: यदि किसी में लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत जाँच कराएं और आइसोलेशन का पालन करें।
- झूठी सूचना से बचाव: विश्वसनीय स्रोतों से ही कोविड-19 संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
स्वास्थ्य मंत्रालय की अपील
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और घबराने की आवश्यकता नहीं है। सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर लगातार निगरानी कर रही है और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कदम उठा रही है। साथ ही, Corona के RT-PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि फिलहाल अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बहुत कम है और अधिकतर मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं। हालांकि, जिन व्यक्तियों को पुरानी बीमारियाँ हैं, उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों की राय
वायरोलॉजिस्ट डॉ. नीरा शर्मा कहती हैं, “यह नई लहर उस तरह की नहीं है जैसी हमने 2021 में देखी थी, लेकिन हम इसे पूरी तरह से नजरअंदाज़ नहीं कर सकते। यह बहुत ज़रूरी है कि लोग कोविड को हल्के में न लें और सुरक्षा उपायों का पालन करते रहें।” उन्होंने यह भी कहा कि मौसम परिवर्तन, पर्यावरणीय कारकों और जनसामान्य की लापरवाही जैसे तत्व संक्रमण की गति को तेज़ कर सकते हैं।
सतर्कता ही बचाव
Corona भले ही अब महामारी के रूप में नहीं रहा, लेकिन यह पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। यह वायरस समय-समय पर नए रूप में उभर सकता है, जैसा कि KP.1 और KP.2 वेरिएंट्स से स्पष्ट होता है। इसलिए प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर सतर्कता बरते।
यदि भारत कोविड की इस नई लहर को प्रारंभिक स्तर पर ही नियंत्रित करने में सफल रहता है, तो यह सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली और आम जनता के लिए एक बड़ी राहत होगी। लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी मिलकर जिम्मेदारी निभाएँ और स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करें।