एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने टेक्सास के बोका चिका में स्थित स्टारबेस से अपने अंतरिक्ष यान स्टारशिप की नौवीं टेस्ट फ्लाइट लॉन्च की। यह उड़ान भारतीय समयानुसार शुरू हुई और इसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट माना जाता है। लगभग 400 फीट लंबा यह रॉकेट 33 रैप्टर इंजन द्वारा संचालित है, जो 16 मिलियन पाउंड का थ्रस्ट उत्पन्न करता है। यह NASA के सैटर्न V रॉकेट से दोगुना शक्तिशाली है।
सफल लॉन्च और बूस्टर का पुन: उपयोग
इस टेस्ट फ्लाइट की खासियत थी सुपर हेवी बूस्टर 14 का पुन: उपयोग, जो पहली बार जनवरी 2025 में सातवीं टेस्ट फ्लाइट में उड़ा था। इस बार बूस्टर ने सफलतापूर्वक स्टारशिप को निचली कक्षा तक पहुंचाया और वापस आकर लॉन्च पैड पर मेक्ज़िला (लॉन्च टावर की मैकेनिकल आर्म्स) की मदद से पकड़ा गया। हालांकि अंतिम लैंडिंग बर्न के दौरान बूस्टर टूट गया, लेकिन यह पुन: उपयोग स्पेस टेक्नोलॉजी में बड़ा कदम माना जाता है।
लंबी दूरी की उड़ान और उप-कक्षीय प्रक्षेपवक्र
स्टारशिप के ऊपरी हिस्से को शिप कहा जाता है। इस उड़ान में शिप ने पृथ्वी का लगभग आधा चक्कर लगाया और उप-कक्षीय प्रक्षेपवक्र में प्रवेश किया, जो पहले की तुलना में लंबी दूरी की उड़ान थी। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जो अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए नई संभावनाओं को दर्शाता है।
क्रैश का कारण और नुकसान
हालांकि लॉन्चिंग सफल रही, लेकिन लगभग 20 मिनट बाद शिप के इंजनों के ऊपर ‘एटिक’ स्पेस में प्रोपेलेंट लीक के कारण आग लग गई। इस वजह से शिप का नियंत्रण खो गया और वह अनियंत्रित होकर भारतीय महासागर में गिर गया। इसके अलावा, शिप में चार नकली स्टारलिंक सैटेलाइट्स को तैनात करना था, लेकिन पेलोड डोर खुलने में विफलता रही। शिप को सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन पुनः प्रवेश के दौरान क्रैश हो गया।
पिछली असफलताएं और SpaceX के लिए चुनौती
यह फ्लाइट SpaceX के लिए लगातार तीसरी असफलता साबित हुई। जनवरी 2025 में सातवीं टेस्ट फ्लाइट में प्रोपेलेंट लीक के कारण विस्फोट हो गया था, जिसका मलबा कैरेबियन के तुर्क और कैकोस द्वीपों तक पहुंचा था। मार्च 2025 की आठवीं टेस्ट फ्लाइट में रैप्टर इंजनों की विफलता के कारण शिप अनियंत्रित हो गया था। इन असफलताओं के बावजूद SpaceX अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रहा है।
भविष्य के लिए महत्व
स्टारशिप का उद्देश्य मंगल ग्रह पर मानव बस्तियां बसाना और NASA के Artemis मिशन के लिए चंद्रमा पर मानव मिशन को सक्षम बनाना है। यह परीक्षण कई तकनीकी चुनौतियों को सामने लाया, लेकिन इसने अंतरिक्ष यात्रा में नई दिशा भी प्रदान की है। एलन मस्क और उनकी टीम इस मिशन को सफल बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।