ग़ाज़ा में जंग नहीं रोकी तो होगी ठोस कार्रवाई; 22 देशों ने मानवीय सहायता की पेशकश..
ग़ाज़ा पट्टी में इज़राइल द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियान को लेकर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने संयुक्त रूप से इज़राइल को चेतावनी दी है कि अगर ग़ाज़ा में कार्रवाई नहीं रोकी गई, तो उनके देश ठोस और कड़े कदम उठाने को बाध्य होंगे।
तीनों देशों ने एक साझा बयान जारी कर कहा कि ग़ाज़ा में जारी हिंसा और नागरिकों की मौतें पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि इज़राइल को अब संयम बरतते हुए युद्ध को समाप्त करना चाहिए, अन्यथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इसी के साथ, 22 देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के माध्यम से ग़ाज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने की इच्छा जताई है। इन देशों ने दवाइयाँ, भोजन, पानी और मेडिकल सहायता भेजने की पेशकश की है, लेकिन इसके लिए युद्धविराम की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ग़ाज़ा की स्थिति को “मानवता की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक” बताया है और सभी पक्षों से तत्काल संघर्षविराम की अपील की है।
क्या कहा गया है चेतावनी में?
तीनों देशों ने एक साझा बयान में कहा:
“हम ग़ाज़ा में जारी मानव त्रासदी से बेहद चिंतित हैं। इज़राइल को तुरंत सैन्य कार्रवाई रोकनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हमारे पास ठोस कार्रवाई के विकल्प खुले हैं।”
22 देशों ने दी मदद की पेशकश
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संयुक्त राष्ट्र और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर 22 देशों ने ग़ाज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने की बात कही है।
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इसमें दवाइयाँ, भोजन, पीने का पानी और मेडिकल टीम शामिल हैं।
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इसमें दवाइयाँ, भोजन, पीने का पानी और मेडिकल टीम शामिल हैं।
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इन देशों ने दोनों पक्षों से सीज़फायर की अपील की है ताकि मदद सही तरीके से पहुँचाई जा सके।
स्थिति गंभीर होती जा रही है
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हजारों की संख्या में नागरिक हताहत हो चुके हैं।
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शरणार्थी शिविरों और अस्पतालों पर भी हमले की खबरें आ रही हैं।
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संयुक्त राष्ट्र इसे “मानवता के खिलाफ अपराध” कह रहा है।
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