IMF के अफसरों के निर्देश पर होगा बजट तैयार
उच्च ऋण, मुद्रास्फीति, और राजनीतिक अस्थिरता ने की पाकिस्तान की हालत खस्ता
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति उच्च ऋण, मुद्रास्फीति, और राजनीतिक अस्थिरता जैसी चुनौतियों से जूझ रही है। IMF की शर्तें अल्पकालिक स्थिरता प्रदान करती हैं, लेकिन दीर्घकालिक सुधारों के लिए पाकिस्तान को अपनी आंतरिक नीतियों और संरचनात्मक समस्याओं पर ध्यान देना होगा। बजट तैयारी में IMF का प्रभाव देश की आर्थिक स्वायत्तता पर सवाल उठाता है, लेकिन यह IMF के हस्तक्षेप का अपरिहार्य परिणाम है।
PIONEER DIGITAL DESK
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पिछले कुछ दशकों से बहुत ज्यादा अस्थिर रही है, हालांकि 2025 में यह सुधार के संकेत दिखा रही है, लेकिन कई संरचनात्मक और नीतिगत चुनौतियाँ बनी हुई हैं, यही कारण है IMF के साथ उसके संबंध, विशेष रूप से बजट तैयारी में, देश की आर्थिक स्वायत्तता पर सवाल उठाते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कितनी संकट ग्रस्त है औैर IMF की भूमिेका बनाने में क्या महत्वपूर्ण हो गई हैै।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति 2025: मुख्य संकेतक
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 2025 में धीरे-धीरे सुधार के रास्ते पर है, लेकिन यह अभी भी कई चुनौतियों से जूझ रही है। निम्नलिखित तालिका वर्तमान आर्थिक संकेतकों को दर्शाती है:
संकेतक | मूल्य (2025) |
GDP वृद्धि | 2.6% (FY25), FY26 में 3.2%, FY27 में 3.5% |
GDP प्रति व्यक्ति (PPP) | $6,950 (PPP) |
मुद्रास्फीति दर | 5.1% (FY25, अनुमानित) |
विदेशी ऋण | $131 बिलियन |
श्रम बल | 78.8 मिलियन |
विदेशी मुद्रा भंडार | $14 बिलियन (जून 2024, नवीनतम डेटा) |
चालू खाता | 0.1% GDP का अधिशेष (FY25) |
गरीबी दर (US$3.65/day 2017 PPP) | 42.3% (FY25), FY27 में 40.8% का अनुमान |
इन संकेतकों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, विशेष रूप से मुद्रास्फीति में कमी और चालू खाते में सुधार के संदर्भ में। हालांकि, उच्च ऋण और कम विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक अस्थिरता को बढ़ा रहे हैं।
ऐतिहासिक संदर्भ और संरचनात्मक चुनौतियाँ
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 1970 के दशक में दक्षिण एशिया में सबसे समृद्ध थी, लेकिन तेजी से बढ़ती जनसंख्या और खराब नीति प्रबंधन ने इसे सबसे गरीब बना दिया। 50 वर्षों में जनसंख्या चार गुना हो गई, जिससे कार्यशील आयु अनुपात (60% बनाम पड़ोसियों के 66%+) कम रहा, और बचत और निवेश प्रभावित हुआ। सार्वजनिक ऋण 75% GDP (मध्य-2024) तक पहुंच गया, जिसमें 40% विदेशी मुद्रा में है, और बाह्य ऋण भुगतान $15-20 बिलियन प्रतिवर्ष (अगले 5 वर्षों के लिए) की आवश्यकता है।
IMF की भूमिका और बजट तैयारी
पाकिस्तान ने 1950 में IMF की सदस्यता ली थी और तब से 24 बार वित्तीय सहायता ली है। 2024 में, IMF ने 7 बिलियन डॉलर के EFF समझौते को मंजूरी दी, जिसमें 11 नई शर्तें शामिल हैं, जैसे:
- FY2026 का 17.6 ट्रिलियन रुपये का बजट जून 2025 तक पारित करना, जो IMF लक्ष्यों के अनुरूप होना चाहिए।
- कृषि आयकर सुधार लागू करना।
- ऊर्जा सब्सिडी में कटौती और बिजली दरों में वृद्धि।
- रक्षा व्यय में कमी और नए कर जैसे कृषि आयकर लागू करना।
यह स्पष्ट है कि IMF बजट नहीं तैयार कर रहा है, बल्कि पाकिस्तान को इसे IMF के परामर्श से तैयार करना पड़ रहा है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि पाकिस्तान आर्थिक सुधार लागू करे, लेकिन यह देश की आर्थिक स्वायत्तता पर सवाल उठाता है।
आर्थिक चुनौतियाँ और जोखिम
- उच्च ऋण बोझ: सार्वजनिक ऋण का ब्याज 60% राजस्व लेता है, और ब्याज बिल अगले 5 वर्षों में 30% राजस्व से अधिक हो सकता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार: जून 2023 में $4 बिलियन था, जो अब $14 बिलियन तक पहुंचा है, लेकिन यह अभी भी आयात को कवर करने के लिए अपर्याप्त है।
- राजनीतिक अस्थिरता: लगातार राजनीतिक उथल-पुथल और सैन्य प्रभाव नीतिगत सुधारों को लागू करने में बाधा डालता है।
- सामाजिक प्रभाव: IMF की शर्तें, जैसे सब्सिडी कटौती, गरीब और मध्यम वर्ग पर बोझ बढ़ा रही हैं, जिससे सामाजिक असंतोष बढ़ सकता है।
प्रस्तावित रणनीतियाँ और भविष्य की दृष्टि
अटलांटिक काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को निम्नलिखित रणनीतियाँ अपनानी चाहिए:
- राजस्व में 1% GDP/वर्ष की वृद्धि, 5-6 वर्षों में कुल +6% GDP।
- प्राथमिक व्यय में +6% GDP, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, और जलवायु लचीलापन शामिल है।
- निवेश को दशक के अंत तक 20% GDP तक बढ़ाना।
- ऋण पुनर्गठन पर विचार, लेकिन घरेलू ऋण (60% बैंक-हेल्ड) के पुनर्गठन से वित्तीय स्थिरता को जोखिम हो सकता है।
भविष्य की दिशा में, पाकिस्तान को संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान देना होगा, जैसे कर आधार को व्यापक करना, सरकारी उपक्रमों का निजीकरण, और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार। इसके अलावा, निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और FDI को आकर्षित करने के लिए व्यापारिक माहौल में सुधार आवश्यक है।