मथुरा (Mathura) पुलिस ने करीब 90 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जो अवैध रूप से रह रहे थे। आरोपी एक जगहो पर काम कर रहे थे।
PIONEERDIGITAL DESK
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) जिले में शुक्रवार, को पुलिस ने 90 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया। ये सभी खजपुर गांव के ईंट भट्टों में काम कर रहे थे और उनके पास वैध पहचान या यात्रा दस्तावेज़ नहीं थे। पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार के अनुसार, यह कार्रवाई श्रमिकों की पहचान और वैधता की जांच के लिए चलाए गए अभियान के तहत की गई थी। हिरासत में लिए गए लोगों में 35 पुरुष, 27 महिलाएं और 28 बच्चे शामिल हैं
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हाइलाइट्स
- इन लोगों ने बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था।
- वे पहले पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रहे थे।
- बाद में काम की तलाश में मथुरा (Mathura) आए, जहां उन्हें एक ईंट भट्टे पर रोजगार मिला।
- इनके पास कोई वैध पासपोर्ट, वीज़ा या पहचान पत्र नहीं था।
- प्राथमिक पूछताछ में कुछ ने फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का उपयोग करने की बात भी कबूली है।
सुरक्षा चिंताएं:
इससे पहले, अप्रैल 2025 में मथुरा पुलिस ने दावा किया था कि जिले में कोई भी रोहिंग्या या बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से नहीं रह रहा है。 हालांकि, हालिया कार्रवाई से स्पष्ट है कि अवैध प्रवासियों की उपस्थिति अब भी एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है。 पुलिस ने बताया कि इन लोगों के पास कोई वैध पासपोर्ट, वीज़ा या पहचान पत्र नहीं था, और कुछ ने फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का उपयोग करने की बात भी कबूली है。
कानूनी कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया:
पुलिस ने इन सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम, और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है。 इसके अलावा, उनके भारत में प्रवेश कराने वाले दलालों और नेटवर्क की तलाश भी की जा रही है…
“हाल ही में छत्तीसगढ़ के भिलाई में भी एक बांग्लादेशी महिला गिरफ्तार”
छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के सुपेला क्षेत्र में भी एक बांग्लादेशी महिला, पन्ना बीबी, को गिरफ्तार किया गया है। वह पिछले दो वर्षों से “अंजलि सिंह उर्फ काकोली घोष” के नाम से फर्जी पहचान के साथ रह रही थी। पन्ना बीबी ने आठ साल पहले पश्चिम बंगाल के बोंगांव-पेट्रापोल सीमा से फर्जी पासपोर्ट और वीजा के जरिए भारत में प्रवेश किया था। इसके बाद वह कोलकाता और दिल्ली में कुछ समय बिताकर भिलाई में बस गई। वह फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से सरकारी सेवाओं का लाभ उठा रही थी…