31 मई 2025 को भारत के दो राज्यों – Uttar Pradesh and Mizoram – में मौसम ने अचानक विकराल रूप धारण कर लिया। एक ओर उत्तर प्रदेश के 41 जिलों में तेज़ आंधी और बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, तो दूसरी ओर मिजोरम में मूसलधार बारिश के चलते मकान और एक होटल के ढहने की खबरें सामने आई हैं, जिससे कई लोगों के मारे जाने की आशंका है। आइए, इन दोनों घटनाओं को विस्तार से समझते हैं।
उत्तर प्रदेश: 41 जिलों में बारिश और आंधी से जनजीवन प्रभावित
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के 41 जिलों में 30 और 31 मई को बारिश, तेज़ हवाएं और बिजली गिरने की चेतावनी पहले ही जारी कर दी थी। यह अलर्ट बिलकुल सटीक साबित हुआ, और राज्य के कई हिस्सों में आंधी और बारिश ने जमकर तबाही मचाई।
कानपुर: पेड़ उखड़े, बिजली गुल
कानपुर में रात के समय तेज़ तूफान आया जिसकी रफ्तार 60-70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। इसके चलते शहर के कई हिस्सों में 50 से अधिक पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। कई इलाकों में 12 घंटे से अधिक समय तक अंधकार रहा। एक दोमंजिला इमारत के गिरने से एक व्यक्ति की मृत्यु और कई घायल हो गए।
ललितपुर: मूसलधार बारिश से जलभराव
बुंदेलखंड क्षेत्र के ललितपुर जिले में भारी बारिश हुई, जिससे कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया। बारिश के साथ आई तेज़ हवाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचाया। कुछ स्थानों पर फसलों को भी नुकसान हुआ है, खासतौर पर सब्ज़ियों और दलहनों को।
अन्य प्रभावित जिले
लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, गोरखपुर, बरेली, मेरठ, मथुरा, चित्रकूट, हरदोई, अमेठी और बांदा सहित राज्य के 41 जिलों में मौसम विभाग का अलर्ट जारी है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे घरों से बाहर निकलने से बचें और किसी सुरक्षित स्थान पर रहें।
मिजोरम: भारी बारिश के बीच ढहे मकान और होटल, जनहानि की आशंका
पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में 30-31 मई को लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण कई भयानक घटनाएं सामने आईं। राजधानी आइजोल और आसपास के क्षेत्रों में कई मकान और एक होटल भारी बारिश और भूस्खलन के कारण ढह गए।
आइजोल में तबाही
राजधानी आइजोल के बेतलेन और चंलमुअल इलाके सबसे अधिक प्रभावित हुए। यहां एक होटल और पांच मकान भूस्खलन के कारण जमींदोज हो गए। मलबे में दबे हुए लोगों को निकालने के लिए NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं। अब तक 10 से अधिक लोगों की मौत और दर्जनों के घायल होने की खबर है।
अन्य जिले भी प्रभावित
सियाहा, लुंगलेई, सेरछिप और चंफाई जैसे जिलों में भी भारी बारिश के कारण भूस्खलन और सड़क अवरुद्ध होने की घटनाएं हुई हैं। कई जगह बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो गई है। एनएच-54 और एनएच-150 जैसी प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक पूरी तरह से बंद है।
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य
दोनों ही राज्यों में प्रशासन सक्रिय रूप से राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है।
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उत्तर प्रदेश में जिला अधिकारियों को तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
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मिजोरम में आपदा प्रबंधन बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमों को तुरंत प्रभावित इलाकों में भेजा गया।
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स्थानीय लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
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मिजोरम सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश दिया है।
मानसून और भविष्य की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में आ रही यह बारिश मानसून से पहले की प्री-मानसून गतिविधियां हैं, लेकिन इतनी व्यापक और तेज़ हवाएं मानसून के आगमन को थोड़ा विलंबित कर सकती हैं।
पूर्वोत्तर भारत, विशेषकर मिजोरम, में दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्द दस्तक देने की संभावना है। लेकिन इससे पहले भारी वर्षा और भूस्खलन का जोखिम बढ़ गया है।