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अमेरिका में अब किसी की निजी तस्वीर को उसकी इजाजत के बिना ऑनलाइन पोस्ट करना कानूनी अपराध माना जाएगा। देश की Digital Privacy Law को ध्यान में रखते हुए, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नए कड़े कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कानून के लागू होने से अब सोशल मीडिया और इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर किसी की निजी तस्वीर साझा करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।
इस नए कानून का उद्देश्य “निजी छवियों की सुरक्षा” (Protection of Personal Images Act) को सुनिश्चित करना है, जिसके तहत किसी व्यक्ति की निजी, संवेदनशील या निजी क्षणों की तस्वीरें उसके बिना अनुमति के पोस्ट करना, शेयर करना या प्रसारित करना एक दंडनीय अपराध होगा।
कानून में क्या है खास?
नए कानून के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य की निजी तस्वीर ऑनलाइन साझा करता है और ऐसा करने की अनुमति नहीं ली गई है, तो उसे गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे। इसमें शामिल हैं:
- पहली बार उल्लंघन पर $10,000 तक का जुर्माना या 6 महीने तक की जेल
- दोहराए गए अपराध पर 2 साल तक की जेल और अधिक जुर्माना
- व्यावसायिक उद्देश्य से साझा करने पर अपराध और भी संगीन माना जाएगा
यह कानून उन मामलों पर विशेष ध्यान देता है जहाँ तस्वीरें बदले की भावना (जैसे कि ‘रीवेंज पोर्न’) से पोस्ट की जाती हैं। यह पीड़ितों को सशक्त बनाता है कि वे सीधे कानून का सहारा लेकर दोषियों को सज़ा दिला सकें।
ट्रंप का बयान
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कानून पर हस्ताक्षर करने के बाद एक बयान में कहा,
“हम डिजिटल युग में रह रहे हैं जहाँ हमारी पहचान और निजी पल इंटरनेट पर स्थायी रूप से दर्ज हो सकते हैं। यह कानून सुनिश्चित करेगा कि कोई भी व्यक्ति दूसरों की निजता का उल्लंघन न कर सके।”
सोशल मीडिया कंपनियों पर भी जिम्मेदारी
इस कानून के लागू होते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर (X) और टिकटॉक पर भी नई जिम्मेदारियाँ आई हैं। उन्हें अब रिपोर्ट की गई निजी तस्वीरों को 24 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा। यदि कोई प्लेटफॉर्म बार-बार इन शिकायतों की अनदेखी करता है, तो उस पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
क्यों था यह कानून ज़रूरी?
हाल के वर्षों में अमेरिका में ‘रीवेंज पोर्न’, साइबर बुलिंग और निजी तस्वीरों के गैर-इजाज़ती प्रसार की घटनाओं में तेज़ी आई है। कई पीड़ितों को मानसिक आघात, सामाजिक बहिष्कार और नौकरी के नुकसान जैसे परिणाम भुगतने पड़े हैं।
इस कानून के माध्यम से सरकार ने यह संदेश दिया है कि ऑनलाइन दुनिया में भी व्यक्ति की निजता उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी असल ज़िंदगी में।