@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, बिलासपुर। लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ ने जिला अध्यक्ष सूर्य कुमार कश्यप और प्रदेश महामंत्री की अगुवाई में कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान लिपिक नेताओं ने एडिश्नल कलेक्टर ज्योति पटेल पर अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और गाली गलौच करने का आरोप लगाया. लिपिकों ने एडिश्नल कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ज्योति पटेल को तत्काल हटाने या ट्रांसफर की मांग की है.
जिला लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ ने आज कलेक्टर जिला अध्यक्ष सूर्य कुमार कश्यप और प्रदेश महामंत्री सुनील यादव की अगुवाई में कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया. लिपिक नेताओं ने इस दौरान एडिश्नल कलेक्टर ज्योति पटेल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही गंभीरआरोप भी लगाया.
लिपिक नेता सूर्यकुमार ने जानकारी दी कि बिलासपुर एडिश्नल कलेक्टर ज्योति पटेल का सुलूक छोटे कर्मचारियों के प्रति बहुत ही गैर जिम्मेदाराना है. उन्होने पहले भी कई बार कर्मचारियों के साथ घटिया स्तर का व्यवहार किया है. छोटे कर्मचारियों से बेलगाम गाली गलौच करना उनका पुराना रिकार्ड है. लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ इस प्रकार के व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेगा. बावजूद इसके ज्योति पटेल अपनी फितरत से बाज नहीं आ रही हैं.
पिछले दिनों कई दिनों से एडिश्नल कलेक्टर ज्योति पटेल अधीनस्थ कर्मचारियों को इडियट, बदतमीज जैसे शब्दों से रोज प्रताड़ित कर रही हैं. बर्दास्त नहीं होने के बाद ही लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ ने कलेक्टर संजय अग्रवाल से मिलकर लिखित में शिकायत दर्ज कराया. कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि मामले को गंभीरता से लिया जाएगा.
प्रांतीय महामंत्री सुनील यादव ने जानकारी दिया कि लिपिकों ने अतरिक्त कलेक्टर के व्यवहार को लेकर संगठन के सामने कई बार पीड़ा जाहिर किया है. हर बार मामले को सामान्य रुप देकर टाला गया. लेकिन उन्होने हर बार मर्यादा को लांघने का काम किया है. अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ गाली गलौच बन्द नहीं हुआ. मजबूर होकर हमें कलेक्टर से शिकायत करनी पड़ी. हमने कलेक्टर से लिखित शिकायत में साफ किया है कि उनका व्यवहार ना तो अधीनस्थों के साथ ठीक है..और ना ही जनता के साथ. मुलाकात के दौरान कलेक्टर ने हमारी शिकायत को गंभीरता से लिया है.
दोनो नेताओं ने कहा कि हमने कलेक्टर से निवेदन किया कि एडिश्नल कलेक्टर ज्योति पटेल को तत्काल वर्तमान जिम्मेदारियों से मुक्त कर दूसरी जिम्मेदारी दी जाए. इतने गंभीर स्थान पर उन्हें रहने का कोई हक नहीं है. बेहतर होगा कि लिपिकों और बिलासपुर जनता के हित में उनका स्थानान्तरण किया जाए. बावजूद इसके अगर हमारी अपील को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो हम आने वाले समय में किसी तरह की भूल के लिए तैयार नहीं रहेंगे.