नई दिल्ली : भारत के पूर्व विदेश राज्य मंत्री और कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर Colombia सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर गहरी नाराज़गी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि Colombia द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय कार्रवाई के बाद हुए नुकसान पर दुख जताना दुर्भाग्यपूर्ण है। थरूर ने कहा कि भारत ने यह कदम आत्मरक्षा के तहत उठाया था, और एक लोकतांत्रिक राष्ट्र की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों की रक्षा के लिए सख्त निर्णय ले।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि
7 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक बड़े आतंकी हमले में कई निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाबलों की जान चली गई। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसके तुरंत बाद, भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से एक सैन्य अभियान शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना और विशेष बलों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पंजाब प्रांत में स्थित कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन में करीब 100 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि की गई।
रक्षा मंत्रालय ने इस अभियान को भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम बताया और कहा कि यह पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आत्मरक्षा के अधिकार में आता है।
कोलंबिया की प्रतिक्रिया और थरूर की तीखी टिप्पणी
इस अभियान के बाद कोलंबिया की सरकार ने एक आधिकारिक बयान में पाकिस्तान में हुई “नागरिक मौतों” पर दुख जताया था। कोलंबिया का यह बयान भारत के लिए असहज करने वाला रहा, विशेषकर तब जब भारत ने स्पष्ट किया था कि सभी हमले केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे, और नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए विशेष ध्यान रखा गया।
थरूर, जो इन दिनों एक सात-सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ कोलंबिया की यात्रा पर हैं, ने कहा:
“भारत ने किसी देश के खिलाफ आक्रमण नहीं किया, बल्कि अपने नागरिकों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए। कोलंबिया जैसे देश को समझना चाहिए कि आतंकियों और आत्मरक्षा में कार्रवाई कर रहे देशों को एक तराजू में तौलना उचित नहीं है।”
उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस विषय को उठाएगा कि लोकतांत्रिक देश जब आतंक के खिलाफ कार्रवाई करें, तो वैश्विक समुदाय को उनका साथ देना चाहिए, न कि शोक व्यक्त करके आतंकवादियों को अप्रत्यक्ष समर्थन देना चाहिए।
‘मैं सरकार के लिए काम नहीं करता, लेकिन देश के साथ हूं’ – थरूर
शशि थरूर ने यह स्पष्ट किया कि वह केंद्र सरकार के प्रतिनिधि नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मसले पर देशहित सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती यह है कि विपक्ष और सरकार दोनों मिलकर आतंकवाद जैसे मुद्दों पर एक आवाज़ में खड़े हो सकते हैं।
उन्होंने कहा:
“जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तब हम सब भारत के लिए एक हैं। यह समय राजनीतिक भेदभाव का नहीं, बल्कि राष्ट्रहित में एकजुट होने का है।”
भारत की कूटनीतिक पहल
थरूर की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल सिर्फ कोलंबिया ही नहीं, बल्कि अन्य लैटिन अमेरिकी देशों में भी यह बताने गया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ किसी भी प्रकार का आक्रमण नहीं, बल्कि भारत का आत्मरक्षा का संवैधानिक और अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्य अधिकार है। इस यात्रा का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करना सिर्फ भारत का अधिकार नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है।
भारत की नीति स्पष्ट: आतंक को समर्थन देने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
भारत सरकार और विपक्ष दोनों यह स्पष्ट कर चुके हैं कि आतंकवाद को पनाह देने, समर्थन देने या सहानुभूति दिखाने वाले किसी भी देश के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाएगा। थरूर ने कहा कि भारत की नीति “जीरो टॉलरेंस टू टेरर” पर आधारित है, और इस नीति में कोई ढील नहीं दी जाएगी।