नई दिल्ली : पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को हाल ही में फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किए जाने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। इस पर सबसे तीखी प्रतिक्रिया दी है देश के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख Imran Khan ने, जो फिलहाल जेल में बंद हैं।
Imran Khan ने सोशल मीडिया पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल नहीं, बल्कि ‘राजा’ की उपाधि ले लेनी चाहिए थी, क्योंकि पाकिस्तान में इस समय जंगल का कानून लागू हो चुका है।” उन्होंने मौजूदा हालात को “जंगल राज” बताते हुए सेना और सरकार दोनों पर निशाना साधा।
“देश में लोकतंत्र खत्म, सिर्फ ताकत का राज” – इमरान खान
इमरान खान ने आगे कहा कि पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान का नैतिक, संवैधानिक और लोकतांत्रिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है। “देश को एक ऐसी स्थिति में लाया गया है जहां कानून सिर्फ कमजोर लोगों पर लागू होता है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके और सेना के बीच किसी प्रकार का कोई सौदा नहीं हुआ है। “मेरे खिलाफ सौदेबाज़ी की जो बातें फैलाई जा रही हैं, वो पूरी तरह से झूठी हैं। न कोई बातचीत चल रही है और न ही कोई समझौता हुआ है,” उन्होंने साफ किया।
सेना और सरकार पर सवाल, लोकतंत्र के लिए चिंता
इमरान खान ने वर्तमान सेना और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “जब एक चोर ऊँचे पद पर बैठता है, तो इंसाफ की कब्र खुद जाती है।” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ अरबों रुपये के घोटाले दर्ज हैं, लेकिन उन्हें कोई नहीं पूछता।
उन्होंने कहा कि एनएबी (नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो) अब भी पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बहन के नाम पर दर्ज संपत्तियों की जांच कर रही है, लेकिन कार्रवाई ठंडी पड़ी है।
‘मेरे अधिकार छीने जा रहे हैं, मुझे किताबें और डॉक्टर से मिलने की इजाजत नहीं’
इमरान ने जेल में अपने साथ हो रहे व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें महीनों से अपने बच्चों और वकीलों से मिलने नहीं दिया गया है, यहां तक कि उन्हें किताबें और चिकित्सा सुविधा तक नहीं मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अदालती कार्यवाही भी “किसी कर्नल की मर्जी” से तय होती है।
‘आतंकवाद से निपटने के नाम पर बेकसूरों पर बम’
ड्रोन हमलों को लेकर इमरान ने कहा, “ड्रोन हमलों में निर्दोष लोगों की मौत आतंकवाद को खत्म नहीं करती, बल्कि और बढ़ावा देती है।” उन्होंने चेताया कि देश को बाहरी खतरों और आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है, और इसके लिए एकजुटता की ज़रूरत है।