@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन धमतरी/कुरुद। छत्तीसगढ़ के धमतरी और कुरुद में पिछले 42 दिनों से मंदिरों को निशाना बनाकर आतंक मचाने वाले एक शातिर चोर गिरोह को आखिरकार पुलिस ने दबोच लिया है। यह गैंग इतना दुस्साहसी था कि भगवान के गहने और दान पेटी की रकम चुराकर उससे अपने घर के लिए फ्रिज और टीवी जैसे सामान खरीद रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के चारों सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लाखों का माल बरामद किया है।
कैसे देते थे वारदात को अंजाम…?
यह गैंग बेहद संगठित तरीके से काम करता था। एसपी सूरज सिंह परिहार ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गैंग के सदस्य पहले दिन में किसी मंदिर की रेकी करते थे। वे मंदिर में आने-जाने के रास्ते, दान पेटी की जगह और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते थे। इसके बाद, रात के अंधेरे में मौका देखकर मंदिर में घुसते और भगवान के कीमती गहनों व दान पेटी की नकदी पर हाथ साफ कर देते थे।
कौन हैं ये शातिर चोर…?
पुलिस की गिरफ्त में आए इस गैंग में दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं।
मास्टरमाइंड: जाहिर उर्फ समीर खान (35 वर्ष), जो मूल रूप से बसना का रहने वाला है और फिलहाल धमतरी के मकेश्वर वार्ड में किराए पर रह रहा था। जाहिर एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
अन्य सदस्य: अफरोज खान (28 वर्ष, जाहिर की पत्नी), मोहम्मद मुन्नाफ खत्री (48 वर्ष) और ताहिरा बानो (48 वर्ष, मुन्नाफ की पत्नी)
इन मंदिरों को बनाया था निशाना
- इस गिरोह ने धमतरी और कुरुद के कुल 7 मंदिरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था:
- 18 मई: रत्नेश्वरी मंदिर, रत्नाबांधा (₹10,500 की चोरी)
- 29 मई: श्रीराम मंदिर, किला (₹4000 और चांदी की चरण पादुका)
- 6 जून: नागेश्वर मंदिर, रिसाईपारा (₹30,000 की चोरी)
- 13 जून: छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर, कुरुद (₹3000 की चोरी)
- 21 जून: श्रीसिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर, गुजराती कॉलोनी (₹2000 की चोरी)
- 21 जून: काली माता मंदिर, नया बस स्टैंड (₹1000 की चोरी)
22 जून: चंडी मंदिर, कुरुद (सोने का मुकुट, लॉकेट, चरण पादुका और ₹5000)
चोरी के पैसों से अय्याशी, 7 लाख का माल जब्त
पुलिस ने आरोपियों के पास से लगभग 7 लाख रुपये का माल जब्त किया है। इसमें सोने का मुकुट, सोने का लॉकेट, चांदी की चरण पादुका, एक स्कूटी, ₹20,000 नकद और चोरी के पैसों से खरीदे गए एक फ्रिज और एक टीवी भी शामिल है।
वकीलों ने भी छोड़ा साथ, नहीं करेंगे पैरवी
इस घटना से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। कुरुद के अधिवक्ता संघ ने एक बैठक कर यह ऐतिहासिक फैसला लिया है कि कोई भी वकील इस ‘पापी गैंग’ के सदस्यों की पैरवी नहीं करेगा। यह फैसला चोरों के कृत्य के प्रति समाज के गुस्से को दर्शाता है।