@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, रायपुर। छत्तीसगढ़ मानसून सत्र 2025: 5 दिनों में 996 सवालों से गूंजेगी विधानसभा, विपक्ष की घेराबंदी तैयार, छत्तीसगढ़ की सियासत का पारा चढ़ने वाला है। 14 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के पांच दिवसीय मानसून सत्र के लिए मंच तैयार हो चुका है। इस बार का सत्र बेहद हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं, क्योंकि विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए मुद्दों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार कर ली है। विधायकों की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र 5 दिनों के सत्र के लिए अब तक 996 सवाल पूछे जा चुके हैं।
सवालों की बौछार और विपक्ष की रणनीति
यह सत्र 14 जुलाई से शुरू होकर 18 जुलाई तक चलेगा। विष्णु देव साय सरकार के लगभग डेढ़ साल के कार्यकाल के बाद यह पहला मानसून सत्र होगा, जिसमें विपक्ष पूरी आक्रामकता के साथ सरकार के कामकाज पर सवाल उठाएगा। दिलचस्प बात यह है कि सवाल पूछने में सिर्फ विपक्षी विधायक ही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष के सदस्य भी पीछे नहीं हैं। विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वह जनहित के मुद्दों पर हर दिन स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग करेगा, जिससे सदन में सियासी गर्मी बढ़ना तय है।छत्तीसगढ़ मानसून सत्र 2025
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने कई ऐसे मुद्दे चुने हैं, जो सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े हुए हैं। इन मुद्दों पर सरकार को जवाब देना मुश्किल हो सकता है:
खाद-बीज का संकट: प्रदेश में किसान खरीफ फसल के लिए खाद और बीज की कमी से जूझ रहे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार आंदोलन कर रही है और अब इसे सदन के पटल पर जोरदार तरीके से उठाएगी।
अवैध रेत और शराब: प्रदेश में अवैध रेत खनन और अवैध शराब की बिक्री का मुद्दा गरमाया हुआ है। विपक्ष इसे कानून-व्यवस्था और सरकारी राजस्व को नुकसान से जोड़कर सरकार पर हमला करेगा।
भारत माला परियोजना: इस परियोजना में कथित भ्रष्टाचार का मामला एक बार फिर सदन में गूंज सकता है, जिस पर विपक्ष सरकार से जवाबदेही की मांग करेगा।
सरकार की अन्य गड़बड़ियां: विपक्ष, साय सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में हुई अन्य कथित गड़बड़ियों और विफलताओं को भी प्रमुखता से उठाने की तैयारी में है।
सत्र से पहले 30 जून को अहम कैबिनेट बैठक
मानसून सत्र की रणनीति के बीच, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 30 जून को मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक भी होने वाली है। यह बैठक दोपहर 12 बजे से होगी और इसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
मुख्य सचिव को विदाई: इस बैठक में वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन को उनके सेवानिवृत्त होने पर विदाई दी जाएगी और नए मुख्य सचिव का स्वागत किया जाएगा।
शांति नगर परियोजना: रायपुर की महत्वाकांक्षी शांति नगर परियोजना को कैबिनेट से हरी झंडी मिलने की संभावना है।
अतिशेष धान का निपटान: सरकार इस बैठक में अतिशेष धान के निपटान को लेकर भी कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ का आगामी मानसून सत्र सियासी दांव-पेंच, तीखे सवालों और जोरदार बहसों का गवाह बनने वाला है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार विपक्ष के इन हमलों का सामना कैसे करती है और जनहित के मुद्दों पर क्या ठोस जवाब देती है।