@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में उस समय जबरदस्त हलचल मच गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई राज्य के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के सिलसिले में की गई है।
ईडी की यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। एजेंसी का दावा है कि चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों में शामिल रहे हैं और उनसे पूछताछ में सहयोग नहीं मिलने पर उन्हें हिरासत में लिया गया।
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📌 ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी
शुक्रवार सुबह ईडी की टीम ने भिलाई में स्थित भूपेश बघेल के निजी निवास और उनके पुत्र चैतन्य बघेल के आवास पर एक साथ छापेमारी की।
सूत्रों के मुताबिक, कार्रवाई के दौरान ईडी को घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा और कुछ संदिग्ध लेन-देन के प्रमाण हाथ लगे हैं। पूछताछ के दौरान चैतन्य से जब स्पष्ट जवाब नहीं मिला, तो उन्हें मौके पर ही हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया गया।
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💼 क्या है शराब घोटाले का पूरा मामला?
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प्रवर्तन निदेशालय की जांच के अनुसार, वर्ष 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में एक संगठित सिंडिकेट ने शराब के व्यापार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया।ईडी का आरोप है कि:
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शराब बिक्री और वितरण में सरकारी तंत्र की मिलीभगत से हजारों करोड़ की अवैध वसूली हुई।
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सरकारी शराब दुकानों के जरिए बेची गई शराब का बड़ा हिस्सा बगैर रजिस्टर के कच्ची रूप में बेचा गया।
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शराब ठेकेदारों से रिश्वत के रूप में मोटी रकम वसूली गई।
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हर महीने राज्य के तत्कालीन आबकारी मंत्री, अफसरों और अन्य नेताओं तक पैसे पहुंचाए जाते थे।
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जांच एजेंसी के अनुसार, इस पूरे घोटाले से छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम (CSMCL) को सीधे करोड़ों का नुकसान पहुंचा।अब तक ईडी 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच कर चुकी है।
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🗣️ भूपेश बघेल का पलटवार – “सत्य की लड़ाई है, डरेंगे नहीं!”
ईडी की कार्रवाई के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
> “आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाना था… और मेरे घर ईडी भेज दी गई। आज मेरे बेटे का जन्मदिन है लोकतंत्र में ऐसा तोहफा कभी नहीं मिला होगा, मुझे यह तोहफा ताउम्र याद रहेगा। हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं, यह सत्य की लड़ाई है।”
बघेल ने आगे कहा कि यह पूरा मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और यह केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का हिस्सा है।
> “ईडी पहले भी मेरे घर आई है, आज भी आई है। हम पूरा सहयोग देंगे। पर लोकतंत्र को डराने की यह कोशिश सफल नहीं होगी।”
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🔍 अब आगे क्या?
चैतन्य बघेल को रिमांड पर लेकर ईडी आगे की पूछताछ करेगी।
घोटाले में शामिल अन्य नेताओं, कारोबारियों और अफसरों पर भी शिकंजा कस सकता है।
ईडी की अगली रिपोर्ट में कई नए नाम सामने आ सकते हैं।
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📣 राजनीतिक हलकों में भूचाल
इस गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में जबरदस्त उबाल है।
एक ओर कांग्रेस इसे “लोकतंत्र की हत्या” और “विपक्ष की आवाज़ दबाने” की कोशिश बता रही है, वहीं बीजेपी ने ईडी की कार्रवाई को “देर से मिला न्याय” बताया है।