@धमतरी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, सरकारी नौकरी और ट्रांसफर के नाम पर ठगी करने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार।
@मंत्रालय के नाम से फर्जी आदेश और नियुक्ति पत्र बनाकर पीड़ित से ठगे थे 6.45 लाख रुपये।
@पुलिस ने तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपी को दुर्ग से पकड़ा, एक अन्य साथी की तलाश जारी
@छत्तीसगढ़ लोकदर्शन, नगरी/धमतरी। छत्तीसगढ़ की धमतरी पुलिस ने एक बड़े धोखाधड़ी के मामले का पर्दाफाश करते हुए एक शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने एक साथी के साथ मिलकर मंत्रालय (सचिवालय) के नाम से फर्जी ट्रांसफर और नियुक्ति पत्र तैयार कर एक व्यक्ति से 6.45 लाख रुपये की ठगी कर ली थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को दुर्ग से धर दबोचा है।
नौकरी और ट्रांसफर का झांसा देकर ऐसे रचा षड्यंत्र
सिहावा थाना क्षेत्र के निवासी शैलेन्द्र चंचल चाणक्य ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके पूर्व परिचित तिलक यादव और उसके एक साथी ने उन्हें झांसे में लिया। आरोपियों ने दावा किया कि उनकी शासन-प्रशासन में ऊंची पहुंच है और वे उनका ट्रांसफर कराने के साथ-साथ उनके बेटे को सरकारी नौकरी भी दिला सकते हैं। इस झांसे में आकर पीड़ित ने उन्हें अलग-अलग किस्तों में कुल 6,45,000 रुपये दे दिए। विश्वास जमाने के लिए आरोपियों ने मंत्रालय के नाम से जारी किए गए फर्जी ट्रांसफर आदेश और नियुक्ति पत्र की कॉपी भी पीड़ित को सौंपी, जो जांच में पूरी तरह से कूटरचित और नकली पाए गए।
पैसे वापस मांगने पर खेला नया खेल
जब पीड़ित को धोखाधड़ी का अहसास हुआ और उसने अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने एक और चाल चली। उन्होंने 5,50,000 रुपये लौटाने का झूठा वादा करते हुए पीड़ित से एक राजीनामा (इकरारनामा) पर दस्तखत करवा लिए। हालांकि, इस समझौते के बाद भी उन्होंने न तो पैसे लौटाए और न ही कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत किया।
पुलिस ने तकनीकी सबूतों से बिछाया जाल
शिकायत मिलने के बाद सिहावा पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। पुलिस ने तकनीकी सबूतों और मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर आरोपी की तलाश शुरू की। पुलिस को खबर मिली कि मुख्य आरोपी तिलक यादव अपनी पहचान छिपाकर दुर्ग के पद्मनाभपुर इलाके में एक किराए के मकान में रह रहा है। सूचना की पुष्टि होते ही सहायक उपनिरीक्षक दुलाल नाथ के नेतृत्व में एक टीम ने दुर्ग पहुंचकर घेराबंदी की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान तिलक यादव (38 वर्ष), पिता अश्वनी यादव, निवासी ग्राम तवेरा, जिला बालोद के रूप में हुई है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को कोई सहयोग नहीं किया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 (जालसाजी), और 471 (फर्जी दस्तावेज का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में शामिल एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई।