नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद और पूर्व राजनयिक डॉ. Shashi Tharoor के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल वॉशिंगटन डी.सी. पहुँचा है। यह दौरा “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत के वैश्विक संपर्क और प्रभावी संवाद का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट करना और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य और कार्यक्रम
प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी सांसदों, नीति विशेषज्ञों, थिंक टैंकों, मीडिया और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद स्थापित करना है। इस संवाद के माध्यम से भारत की आतंकवाद के प्रति नीति, “ऑपरेशन सिंदूर” की पृष्ठभूमि, और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भारत की दृष्टिकोण को साझा किया जाएगा। इस दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में एक महत्वपूर्ण वार्ता में भी भाग लेगा।
प्रतिनिधिमंडल की संरचना
इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख सदस्य शामिल हैं, जिनमें कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, और पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू जैसे अनुभवी नेता और राजनयिक शामिल हैं। इस विविधता का उद्देश्य भारत की आतंकवाद विरोधी नीति पर एकजुटता का प्रदर्शन करना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देना है कि भारत में आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीतिक सहमति है।
कोलंबिया के रुख में बदलाव
प्रतिनिधिमंडल के प्रयासों का एक प्रमुख परिणाम कोलंबिया के रुख में बदलाव के रूप में सामने आया है। शशि थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयान पर असंतोष व्यक्त किया, जिसके बाद कोलंबिया ने अपना बयान वापस ले लिया और भारत के दृष्टिकोण के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
पाकिस्तान के साथ संभावित संवाद
इस समय वॉशिंगटन में पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद है, जिसका नेतृत्व बिलावल भुट्टो-जरदारी कर रहे हैं। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की एक ही समय में उपस्थिति से यह संभावना है कि भारत और पाकिस्तान के दृष्टिकोणों का अंतरराष्ट्रीय मंच पर सीधा सामना हो सकता है। हालांकि, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का मुख्य फोकस सहयोग, विकास और वैश्विक भागीदारी पर है, न कि किसी टकराव पर।
भारत की वैश्विक रणनीति
“ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत ने एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को स्पष्ट करना और दुनिया भर में समर्थन प्राप्त करना है। इस प्रयास के तहत प्रतिनिधिमंडल ने गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राज़ील का दौरा किया है, और अब वॉशिंगटन में अपनी गतिविधियाँ जारी रखेगा।