नई दिल्ली । पराग्वे के President सैंटियागो पेना पलासिओस भारत की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे। यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रहा है और भारत तथा पराग्वे के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। राजधानी स्थित पालम एयर फोर्स स्टेशन पर पराग्वे के राष्ट्रपति का औपचारिक स्वागत किया गया, जिसमें उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
राष्ट्रपति पेना के साथ इस दौरे पर मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यापार प्रतिनिधियों का एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी भारत आया है। उनकी यह यात्रा न केवल पराग्वे और भारत के संबंधों में ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि यह पराग्वे के किसी राष्ट्राध्यक्ष की भारत की अब तक की दूसरी यात्रा भी है। गौरतलब है कि सैंटियागो पेना की यह भारत की पहली यात्रा है।
प्रधानमंत्री मोदी से हुई उच्चस्तरीय वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना से भेंट की। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और पराग्वे के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। बैठक में व्यापार, निवेश, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर विशेष जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने पराग्वे को भारत के भरोसेमंद साझेदार के रूप में रेखांकित किया और राष्ट्रपति पेना ने भारत की विकास यात्रा और वैश्विक भूमिका की सराहना की। दोनों देशों ने परस्पर हितों को बढ़ावा देने के लिए आपसी संपर्क और सहयोग को और सशक्त बनाने पर सहमति जताई।
राष्ट्रपति मुर्मु, उपराष्ट्रपति धनखड़ और विदेश मंत्री से मुलाकात
राष्ट्रपति सैंटियागो पेना भारत में अपने प्रवास के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों के दौरान सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
यह कूटनीतिक संवाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक विश्वास को गहरा करेगा और एक दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की नींव को मजबूत करेगा। भारत “ग्लोबल साउथ” के देशों के साथ मिलकर काम करने की नीति पर जोर दे रहा है और पराग्वे जैसे लैटिन अमेरिकी देश इस दिशा में प्रमुख भागीदार बनकर उभर रहे हैं।
मुंबई में औद्योगिक और तकनीकी संवाद
अपनी भारत यात्रा के अंतिम दिन, यानी बुधवार को राष्ट्रपति पेना मुंबई जाएंगे। यहां वे महाराष्ट्र के राजनीतिक नेताओं, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वे भारत के व्यापारिक समुदाय को पराग्वे में निवेश के अवसरों के बारे में जानकारी देंगे। पराग्वे की सरकार अपने देश में बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और कृषि आधारित उद्योगों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रयासरत है और भारत इस दिशा में एक भरोसेमंद साझेदार हो सकता है।
मुंबई में प्रस्तावित बैठकों से भारत और पराग्वे के व्यापारिक संबंधों को नया आयाम मिलने की संभावना है, खासकर फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, खाद्य प्रसंस्करण और तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों में।
भारत-पराग्वे संबंधों का परिप्रेक्ष्य
भारत और पराग्वे के संबंध पारंपरिक रूप से सौहार्द्रपूर्ण और सहयोगात्मक रहे हैं। भारत, पराग्वे के साथ अपने संबंधों को लैटिन अमेरिका में अपनी कूटनीतिक और आर्थिक पहुंच का विस्तार करने के दृष्टिकोण से देखता है। दूसरी ओर, पराग्वे भारत को एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति और विकास साझेदार के रूप में मानता है।
वर्तमान में भारत पराग्वे के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में बीते वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत पराग्वे से सोया तेल, चना और अन्य कृषि उत्पाद आयात करता है, वहीं भारत की ओर से पराग्वे को दवाएं, ऑटो पार्ट्स, मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद निर्यात किए जाते हैं।
इसके अलावा, भारत ने पराग्वे में विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए सहायता भी प्रदान की है, जिनमें स्वास्थ्य सेवा, आईटी प्रशिक्षण और शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं। भारत की आईटी और फार्मा कंपनियों के लिए पराग्वे एक नए उभरते बाजार के रूप में देखा जा रहा है।