नई दिल्ली, कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को एक अहम बयान में कहा कि दक्षिण अमेरिकी देश Colombia ने हाल ही में पाकिस्तान के पक्ष में दिया गया बयान औपचारिक रूप से वापस ले लिया है। साथ ही, कोलंबिया ने भारत को समर्थन देने का भी भरोसा दिलाया है। यह घटनाक्रम उस समय आया है जब भारत द्वारा सीमावर्ती सुरक्षा कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में पाकिस्तान में कुछ नागरिक मौतों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया देखने को मिली थी।
इस विषय पर Colombia की प्रारंभिक प्रतिक्रिया में पाकिस्तान के प्रति संवेदना व्यक्त की गई थी, जिसे पाकिस्तान ने अपने समर्थन के रूप में प्रचारित किया। अब थरूर ने स्पष्ट किया है कि कोलंबिया की सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए अपने पुराने बयान को वापस ले लिया है और भारत के साथ खड़े होने की बात कही है।
थरूर का बयान: भारत की कूटनीतिक जीत
पूर्व राजनयिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ थरूर ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “कोलंबिया सरकार ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि उनका पहले का बयान गलत संदर्भ में लिया गया और अब वह उसे औपचारिक रूप से वापस ले चुके हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वे भारत के साथ खड़े हैं।”
भारत की विदेश नीति और रणनीतिक कूटनीति के संदर्भ में इस घटनाक्रम को एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है। कई विश्लेषकों के अनुसार, यह दर्शाता है कि भारत की विदेश नीति केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि सक्रिय और दूरदर्शी होती जा रही है।
कोलंबिया के रुख में बदलाव क्यों?
कोलंबिया, जो लैटिन अमेरिका में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक और आर्थिक साझेदार के रूप में उभर रहा है, ने अपने बयान में भारत के साथ गहरे संबंधों को आधार बनाते हुए स्थिति को स्पष्ट किया। यह बदलाव इस ओर इशारा करता है कि भारत के साथ व्यापार, तकनीक, शिक्षा और वैश्विक दक्षिण (Global South) के मंचों पर सहयोग बढ़ने के कारण कोलंबिया भारत के साथ संतुलित और सकारात्मक संबंध बनाए रखना चाहता है।
इससे यह भी साफ होता है कि कोलंबिया का उद्देश्य किसी भी एक देश के पक्ष में खड़े होना नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता और शांति को प्राथमिकता देना है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय मंच
पाकिस्तान ने इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की कार्रवाइयों को लेकर विरोध जताया था और कुछ देशों से समर्थन प्राप्त करने की कोशिश की थी। कोलंबिया के पहले बयान को पाकिस्तान ने अपनी कूटनीतिक जीत के रूप में प्रस्तुत किया था। हालांकि, अब बयान वापस लिए जाने और भारत के समर्थन में आए रुख से पाकिस्तान को झटका लगा है।
कूटनीतिक हलकों का मानना है कि पाकिस्तान की बार-बार की गई कोशिशों के बावजूद, अब वैश्विक समुदाय भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को अधिक गंभीरता और समर्थन के साथ देख रहा है।
भारत का जवाब संयमित लेकिन प्रभावी
भारत सरकार की ओर से इस घटनाक्रम पर संयमित लेकिन प्रभावशाली प्रतिक्रिया देखने को मिली। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारत ने कोलंबिया के साथ गहन कूटनीतिक संवाद के माध्यम से अपनी स्थिति स्पष्ट की, जिससे कोलंबिया ने अपनी पहले की टिप्पणी पर पुनर्विचार किया।
सरकार का रुख स्पष्ट रहा कि भारत की कोई भी सैन्य कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से थी और आतंकवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से की गई थी — किसी निर्दोष नागरिक को नुकसान पहुंचाना उसकी नीति नहीं है।
शशि थरूर की भूमिका: दलगत राजनीति से ऊपर
शशि थरूर का यह बयान विपक्षी नेता होने के बावजूद भारत के राष्ट्रीय हित में सामने आया है। आम तौर पर विदेश नीति जैसे मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष के बीच मतभेद देखे जाते हैं, लेकिन थरूर ने इस बार जिस तरह से भारत के पक्ष को प्रस्तुत किया, वह एकजुटता और राष्ट्रीयता की भावना को दर्शाता है।
यह भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता का भी प्रमाण है कि जब देशहित की बात हो, तो राजनीतिक दल अपने मतभेदों को किनारे रखकर एकसाथ खड़े हो सकते हैं।