छगन भुजबल(Chhagan Bhujbal) को धनंजय मुंडे की जगह देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. गौर करने वाली बात है कि धनंजय मुंडे ने मार्च महीने में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके पास खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी थी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नेता छगन भुजबल(Chhagan Bhujbal) ने राजभवन में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली. इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फड़णवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी मौजूद रहे. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार का आज मंत्रिमंडल विस्तार कर रही है. महाराष्ट्र की सियासत में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सबसे बड़े चेहरों में गिने जाने वाले छगन भुजबल एक बार फिर से मंत्री बन गए हैं…
नई सरकार में शुरुआत में नहीं मिली थी जगह, अब बने मंत्री – छगन भुजबल की वापसी
महाराष्ट्र की नई सरकार बनने के बाद जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ, तब एनसीपी (अजित पवार गुट) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल(Chhagan Bhujbal) को जगह नहीं दी गई थी। यह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया था, क्योंकि भुजबल (Chhagan Bhujbal) को OBC समुदाय का बड़ा चेहरा और अनुभवी नेता माना जाता है। भुजबल की नाराजगी भी सामने आई थी, और उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों पर यह संकेत दिए कि OBC समाज की अनदेखी हो रही है। लेकिन अब सरकार ने स्थिति को संभालते हुए उन्हें एक बार फिर मंत्री पद देकर संतुलन बनाने की कोशिश की है।
उनकी वापसी यह दर्शाती है कि सरकार को आगामी चुनावों में OBC वोट बैंक के महत्व का एहसास है। भुजबल का सामाजिक प्रभाव, प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक पकड़ उन्हें एक बार फिर से सत्ता का हिस्सा बनाते हैं। उनकी यह वापसी न सिर्फ उनके समर्थकों के लिए सुकून की बात है, बल्कि पूरे OBC समुदाय को एक मजबूत प्रतिनिधित्व भी देती है।
राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक पकड़
भुजबल (Chhagan Bhujbal) का राजनीतिक करियर चार दशकों से भी लंबा है। वे पहले शिवसेना से जुड़े रहे, बाद में एनसीपी में शामिल होकर कई अहम मंत्रालय संभाले, जैसे कि लोक निर्माण, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग। प्रशासनिक अनुभव के कारण उन्हें फिर से मंत्री बनाना सरकार के लिए एक सुरक्षित और रणनीतिक फैसला माना जा रहा है।
राजनीतिक समीकरण और असर
एनसीपी के अजित पवार गुट के साथ गठबंधन करने के बाद भुजबल(Chhagan Bhujbal) को फिर से मंत्री बनाए जाने से यह साफ है कि आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सरकार OBC वोट बैंक को साधना चाहती है। भुजबल की लोकप्रियता और जमीन से जुड़ाव उन्हें एक मजबूत जन नेता बनाता है।